City Post Live
NEWS 24x7

इंसेफेलाइटिस को मिशन-टीमवर्क से समाप्त करने में सफलता की तस्वीर सामने लाए मीडिया: योगी

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव, लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के मुख्य परिसर का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार के कार्यों को आम जनमानस तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम सूचना विभाग होता है। शासन का काम योजनाएं बनाने का होता है, प्रशासन विभिन्न माध्यमों से उसे आमजन तक पहुंचाता है। जनता, शासन व प्रशासन के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु के रूप में मीडिया की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। उस भूमिका में सेतु के रूप में कार्य करने का महत्वपूर्ण काम सूचना विभाग का है।
पं. दीनदयाल उपाध्याय को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना विभाग के नवीन कार्यालय का आज लोकार्पण हुआ है। इस कार्यालय का नाम हमने महान देशभक्त, अंत्योदय के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखा है। मैं इसके लिए सूचना विभाग को हृदय से बधाई देता हूं और महामानव पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर उनके प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि भी अर्पित करता हूं।
50-60 के दशक में देखा सपना वर्ष 2014 के बाद हुआ साकार 
उन्होंने कहा कि जब हम पं. दीनदयाल उपाध्याय की बात करते हैं तो बहुत सारी चीजें सामने आती हैं। पं. दीनदयाल उपाध्याय ने अंत्योदय की बात की। अंत्योदय एक वास्तविकता थी। उन्होंने 50 व 60 के दशक में जो सपना देखा था वह सपना अंततः वर्ष 2014 के बाद साकार हुआ। आज इस देश का हर गरीब, हर नौजवान, हर किसान, हर महिला, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रफुल्लित हैं क्योंकि प्रधानमंत्री ने इनके सपनों को साकार करने का कार्य किया है।
इंसेफेलाइटिस से मौतों पर भयावह होता था दृश्य
उन्होंने कहा कि पहले जुलाई, अगस्त और सितम्बर के तीन महीनों में पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से गोरखपुर, बस्ती कमिश्नरी के सात जनपदों में 500 से 1,500 मौतें होती थीं। मौत का वह दृश्य इतना भयावह होता था कि उसे देखकर कोई भी संवेदनशील हृदय पिघल सकता था। लेकिन, बिना किसी हो-हल्ले के कैसे प्रभावी योजनाओं के माध्यम से हम मौत के आंकड़ों को न्यूनतम स्तर पर पहुंचा सकते हैं यह दिखा जब 02 अक्टूबर, 2014 को प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छ भारत मिशन आरंभ किया गया। प्रधानमंत्री स्वयं ही अपने हाथों में झाड़ू लेकर निकल पड़े और देखते ही देखते पूरे देश का एक कारवां उनके साथ में जुड़ गया।
अंतर्विभागीय समन्वय से आगे बढ़ा रहे अभियान को
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर मीडिया से आग्रह किया कि वह दुनिया के सामने इस तस्वीर को प्रस्तुत करें कि कैसे असाध्य बन चुकी इंसेफेलाइटिस बीमारी को ‘मिशन’ और टीमवर्क के माध्यम से पूरी तरह समाप्त करने में सफलता प्राप्त की गई। उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल में उपचार की व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी। आज अंतर्विभागीय समन्वय के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, नगर विकास, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं।
आज इंसेफेलाइटिस अपने अंतिम चरण में खात्मे की ओर
उन्होंने कहा कि मिशन ने इस पूरे कार्यक्रम में बड़ी भूमिका का निर्वहन किया है। यह पूरी दुनिया के लिए एक सक्सेस स्टोरी है कि एक वेक्टर-बॉर्न डिसीज के साथ लड़ने के लिए किस प्रकार की इच्छाशक्ति चाहिए। आज इंसेफेलाइटिस अपने अंतिम चरण में खात्मे की ओर है। बचाव का रास्ता इस बीमारी की रोकथाम हेतु सबसे महत्वपूर्ण था। बचाव जिस भी रूप में हो सकता था, उसे वहां लागू किया गया। आज हमें बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। यह सक्सेस स्टोरी, जो 2017 के बाद से प्रारम्भ हुई, कोविड-19 के संक्रमण से बचाव में भी हमारे काम आई।
हर व्यक्ति गर्व से कहता है कि कोरोना नियंत्रण में उप्र का रिजल्ट सबसे बेहतर 
मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 मार्च को मेरे पास प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का फोन आया। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना आ गया है और हम उत्तर प्रदेश के लिए चिंतित हैं। इतनी बड़ी आबादी को कैसे बचा पाएंगे? सबको चिंताएं थीं। आज हर व्यक्ति गर्व के साथ कहता है कि कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण में उत्तर प्रदेश का रिजल्ट सबसे बेहतर है। पॉजिटिविटी रेट सबसे कम है, डेथ रेट अत्यंत कम है। यह टीमवर्क का परिणाम है।
कोरोना संक्रमण काल में लाभार्थियों को 12वीं बार उपलब्ध कराया जा रहा राशन 
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज को हमने प्रदेश में सफलतापूर्वक लागू किया। कोरोना को छह महीने पूरे हो चुके हैं और लाभार्थियों को 12वीं बार राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य में संचालित सभी पेंशन योजनाओं के अंतर्गत 30 सितम्बर तक की पेंशन वृद्धजनों को, दिव्यांगजनों को, निराश्रित महिलाओं को, कुष्ठरोगियों को उपलब्ध करा चुकी है। हमने सभी निराश्रित श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ते के साथ-साथ रोजगार भी दिया है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत 07 लाख से अधिक एमएसएमई यूनिट्स को बैंकों से लोन उपलब्ध कराया जा चुका है।

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

Comments are closed.