सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के 12 नक्सल प्रभावित जिलों के 2200 से अधिक सहायक पुलिसकर्मी सीधी नियुक्ति की मांग को लेकर राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में खुले आसमान के नीचे डेरा जमाये हुए है। विभिन्न जिलों से पदयात्रा करते हुए रांची पहुंचे सहायक पुलिसकर्मियों के सब्र का बांध शुक्रवार को टूट गया। बड़ी संख्या में महिला और पुरुष प्रदर्शनकारी बैरिकेटिंग तोड़ कर राजभवन की ओर आगे बढ़ने की कोशिश की, लेकिन वहां तैनात रैपिड एक्शन फोर्स और जिला पुलिस के जवानों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोका, तो भी प्रदर्शनकारी उग्र हो गये। इस बीच पथराव की हुई घटना में रांची के सिटी एसपी, कोतवाली के डीएसपी समेत कई पुलिस अधिकारी और जवान घायल हो गये। वहीं पुलिस की ओर से लाठीचार्ज और अश्रुगैस के प्रयोग में कई सहायक पुलिसकर्मी भी घायल हो गये। दोनों ओर से घायल दर्जनों प्रदर्शनकारियों और जवानों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आंदोलनकारी एक महिला सहायक पुलिसकर्मी ने बताया कि आठ दिनों से वे रांची में खुले आसमान के नीचे मुख्यमंत्री और सरकार के समक्ष अपनी बात रखने के इंतजार में बैठे है, लेकिन उनकी कोई बात नहीं सुनी जा रही है। उन्होंने बताया कि महिला प्रदर्शनकारियों पर पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा बल प्रयोग किया गया, वहीं जिन प्रदर्शनकारी महिला जवानों के गोद में छोटे-छोटे बच्चे थे, उन्हें भी नहीं छोड़ा गया। पुलिस की ओर से किये गये बल प्रयोग में प्रदर्शनकारियों की भीड़ तितर-बितर हो गयी। वहीं घटनास्थल पर घायल प्रदर्शनकारियों और जवानों की चीख-पुकार से पूरा माहौल गमगीन हो गया। बाद में सभी घायलों को एंबुलेंस बुलाकर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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