सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में पिछले कुछ महीनों पहले बच्चा चोरी होने, और इस अफवाह में न जाने कितनी मॉब लीचिंग की घटना सामने आई थी. इस बात से हर इंसान रूबरू है. बच्चा चोरी के आरोप में पहले पकड़ना फिर मार-मारकर मौत के घाट उतार देना, ये मानसिक दिवालियापन लोगों के दिलो दिमाग में घर कर गया था. ऐसा ही एक और मामला फिर सामने आया है. घटना नवादा जिले के सिरदला थाना क्षेत्र के अंगरा गांव की है. जहां एक 55 वर्षीय वृद्ध महिला शांति देवी को बच्चा चोर के संदेह में भीड़ ने मार डाला. पहले लोगों ने बेदम होने तक पीटा फिर ईंट, पत्थर व लात घूसों से वृद्ध महिला की हत्या कर दी गयी.
इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें भीड़ का सबसे क्रूरतम रूप दिखाई दे रहा है. मृतक की पुत्री नीलू देवी के अनुसार उनकी मां शांति देवी शुक्रवार की सुबह महिला सीमाई फतेहपुर थाना क्षेत्र के नगमा बाजार गयी हुई थी. बाजार से लौटने के क्रम में वह नवादा जिला के मेसकौर ओपी अंतर्गत मजरा गांव पहुंच गयी. नया चेहरा देख इलाके के लोग उससे पूछताछ करने लगे. जगह को वो सही से पहचान नहीं सकी और लोग उसे बच्चा चोर समझ पीटने लगे. अंधी भीड़ ने पीटते-पीटते उसे बुरी तरह से जख्मी कर दिया. सूचना मिलने के बाद घटनास्थल से बुरी तरह जख्मी वृद्धा को सिरदला पीएचसी में भर्ती किया गया जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गयी.
घटनास्थल सीमाई फतेहपुर थाना क्षेत्र में होने पर सिरदला पुलिस ने पीड़ित परिजनों और भीडतंत्र की शिकार महिला की लाश को सिरदला पीएचसी के एम्बुलेंस से फतेहपुर थाना भेज दिया है. सिरदला पुलिस इस पूरे मामले से अपना पाला छुड़ाते हुए शव को फतेहपुर थाना भेज दी जहां गया जिला की फतेहपुर पुलिस ने मामले के अनुसंधान में यह पता लगाया कि थानाक्षेत्र नवादा का मजरा गांव था. फतेहपुर पुलिस ने फिलहाल शव को पोस्टमॉर्टेम के लिए भेज दिया है. जाहिर है इस तरह की क्रूरतम हत्या करने का ग्रामीणों को हक किसने दिया है. क्या इनपर कानून की कोई पाबंदी नहीं है.
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