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NDA के बीच तय हो गया है सीटों के बटवारे का फार्मूला, LJP को मिल सकते हैं 39 सीट.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) को लेकर NDA के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत शुरू हो गई है.सूत्रों के अनुसार दल जनता दल युनाइटेड (JDU) और बीजेपी के बीच में सीटों के बंटवारे (Seat Sharing) को लेकर लोक सभा चुनाव का फार्मूला अपनाया जा रहा है.BJP-JDU 102 -102 सीटों पर और 39 सीटों पर एलजेपी लड़ सकती है चुनाव.सूत्रों के अनुसार एलजेपी ने बीजेपी से साफ़ कर दिया है कि अगर उसकी सीटें JDU को ज्यादा सीट देने की वजह से घटी तो वह 150 सीटों पर अकेले चुनाव लडेगी.सबसे ख़ास बात एलजेपी बीजेपी को नहीं छोड़ेगी.केंद्र की सरकार में शामिल रहेगी लेकिन अकेले चुनाव लड़कर नीतीश कुमार की मुश्किल बढायेगी.

सूत्रों के अनुसार एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान ने बीजेपी से साफ़ कह दिया है कि अगर उनकी पार्टी की वजह से सीटों के बटवारे में परेशानी आ रही है तो बीजेपी उन्हें अकेले चुनाव मैदान में उतरने की इजाजत दे.दरअसल, एलजेपी की योजना विधान सभा चुनाव में अकेले 150 सीटों पर उतरकर नीतीश कुमार की पार्टी के प्रत्याशियों को हराना बीजेपी को जिताना  होगा.एलजेपी मोदी सरकार की तारीफ़ करेगी और नीतीश कुमार की बखिया उधेडेगी.इस तरह से  एलजेपी बीजेपी के साथ केंद्र में रह भी जायेगी और बिहार में अकेले चुनाव भी लड़ लेगी.

चिराग पासवान की इस रणनीति से नीतीश कुमार संकट में फंस गए हैं.अगर वो एलजेपी के लिए 39 सीटें छोड़कर बीजेपी के साथ बराबर बराबर सीटों पर लड़ने को तैयार नहीं होते हैं तो एलजेपी अकेले चुनाव मैदान में उतर जायेगी.बीजेपी जहाँ कमजोर होगी उसका साथ देगी और जहाँ JDU के उम्मीदवार होगें, उन्हें हराने  के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा देगी.ऐसे में एलजेपी के लिए 39 सीटें छोड़कर BJP-JDU के बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की ज्यादा संभावना है.अगर JDU BJP के बराबर सीटों पर लड़ता है तो बीजेपी के सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने की ज्यादा संभावना है.अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी एलजेपी के साथ मिलकर नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने की राह में रोड़ा अटका सकती है.लेकिन अगर ऐसा हुआ तो चुनाव के बाद नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के साथ मिलकर भी सरकार बना सकते हैं.लेकिन इसके लिए जरुरी है कि तेजस्वी यादव कम से कम 50 सीटें और कांग्रेस पार्टी 20 सीटें जीते.अगर ऐसा भी नहीं हुआ तो जोड़तोड़ की राजनीति तेज हो जायेगी.

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