ऐसे में तो एक महीने में मिट जाएगा बिहार में कोरोना का नामो-निशान…
सरकारी आंकड़े पर उठ रहा सवाल, हाईकोर्ट में गलत रिपोर्ट देने का आरोप, जानिये क्या है माजरा.
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में जिस तरह की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग का आ रहा है उससे तो लगता है कि सितम्बर तक बिहार में कोरोना पूरी तरह से नियंत्रित हो जाएगा.पिछले एक महीने से जांच की रफ़्तार में अप्रत्याशित बढ़ोतरी का दावा किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार हर रोज एक लाख से भी ज्यादा सैम्पल की जांच हो रही है.इस जांच में केवल 1 से 2 फीसदी लोग ही संक्रमित पाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से ताजा अपडेट जारी की गई है. इस अपडेट के मुताबिक बिहार में आज केवल 1444 लोग कोरोना पॉजिटव मिले हैं.
मंगलवार को जारी ताजा अपडेट के मुताबिक बिहार के विभिन्न जिलों से 1444 नए मामले सामने आये हैं. इसके साथ ही राज्य में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 124827 हो गया है.लेकिन अगर एक लाख से ज्यादा सैम्पल की जांच में इतने कम संक्रमित पाए जा रहे हैं तो इसका मतलब तो यहीं है कि कोरोना पूरी तरह से काबू में आ गया है.लेकिन विपक्ष से लेकर समाजसेवी सरकार के इस आंकड़े को संदेह की नजर से देख रहे हैं.उनकी दलील है कि जब एक महीन पहले 14 हजार सैम्पल में साढ़े तीन हजार संक्रमित मिल रहे थे तो अचानक एक लाख सैम्पल में संक्रमित मरीजों की संख्या घटकर डेढ़ हजार पर कैसे पहुँच गई.
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पटना हाईकोर्ट में सौंपी गई रिपोर्ट पर भी सामाजिक कार्यकर्त्ता संतोष कुमार सवाल उठा रहे हैं.उनका कहना है कि सरकार ने हाईकोर्ट में जो रिपोर्ट दी है उसके अनुसार NMCH में एक मरीज पर एक से ज्यादा डॉक्टर और दो स्वास्थ्यकर्मी तैनात हैं.उनका कहना है कि जिस अस्पताल की बदहाली की तस्वीरें लगातार सोशल मीडिया में वायरल होती रही हैं, उस अस्पताल में सरकार अमेरिका से भी ज्यादा बेहतर व्यवस्था किये जाने का दावा कर रही है.संतोष कुमार का कहना है कि पटना हाईकोर्ट को गलत जानकारी दी गई है.
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