सिटी पोस्ट लाइव :एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान भले नीतीश सरकार के खिलाफ कितना भी बयानबाजी कर लें लेकिन उन्हें कोई एक्शन लेने की छूट नहीं है.वो नीतीश सरकार की कमी खामियों को उजागर कर वाहवाही तो बटोर सकते हैं लेकिन नीतीश सरकार से समर्थन वापसी जैसे बड़े राजनीतिक फैसले नहीं ले सकते.नीतीश सरकार से समर्थन वापसी के उनके फैसले पर बीजेपी ने ब्रेक लगा दिया है.पटना में शुक्रवार को वो नीतीश सरकार से समर्थन वापस लेने का औपचारिक ऐलान करने आये थे लेकिन कर नहीं पाए.सूत्रों के अनुसार ऐसा करने से बीजेपी ने उन्हें मना कर दिया है.
सूत्रों के अनुसार चिराग पासवान के लगातार मोर्चाबंदी से नीतीश कुमार बेहद खफा हैं.सरकार से समर्थन वापस लेने के उनके फैसले के बाद तो नीतीश कुमार ने बीजेपी से साफ़ कर दिया है कि ऐसे तो NDA में बने रहना उनके लिए मुश्किल हो जाएगा.नीतीश कुमार की इस धमकी से बीजेपी बैकफूट पर आ गई है.सूत्रों के अनुसार बीजेपी ने चिराग पासवान को फिरहाल नीतीश कुमार के खिलाफ कुछ भी बोलने से मना कर दिया है.शुक्रवार को चिराग पासवान मीडिया से दूर ही रहे.यहाँ तक की पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में भी मीडिया को जाने की इजाजत नहीं मिली.
सूत्रों के अनुसार चिराग पासवान भले अब चुप हो जाएँ लेकिन जेडीयू चुप नहीं बैठेगी.सूत्रों के अनुसार अब जेडीयू चिराग पासवान के साथ सीट शेयरिंग के लिए तैयार नहीं है.जेडीयू ने साफ़ कर दिया है कि पहले बीजेपी-जेडीयू के बीच कम से कम बराबर बराबर सीटों का बटवारा होगा.बीजेपी अपने हिस्से से जितनी सीट चाहे चिराग पासवान को दे सकती है.गौरतलब है कि नीतीश कुमार जीतन राम मांझी को अपने साथ लाने जा रहे हैं.सूत्रों के अनुसार अब चिराग पासवान को किसी भी सूरत में 30 से ज्यादा सीटें नहीं मिल पायेगी.ये भी तब संभव होगा जब बीजेपी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार होगी.
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