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चिराग ने कल पटना में बुलाई आपात बैठक,नीतीश सरकार से समर्थन वापसी का करेगें ऐलान.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान ने बड़ा दावं खेल दिया है.उन्होंने नीतीश कुमार के साथ सीधी लड़ाई शुरू कर दी है. वैसे तो चिराग पासवान पहले से ही नीतीश सरकार पर हमलावर थे और ये भी कह चुके थे कि उनकी पार्टी बिहार सरकार काहिस्सा नहीं है.लेकिन अब तो उन्होंने नीतीश सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला भी ले लिया है.सूत्रों के अनुसार जेडीयू सांसद ललन सिंह द्वारा अपने को कालिदास बताये जाने से चिराग पासवान बेहद नाराज हैं.उन्होनेइसे अपना नहीं बल्कि PM मोदी का अपमान करार दे दिया है.

दरअसल, कोरोना जांच की धीमी रफ़्तार को लेकर PM मोदी द्वारा किये गए ट्वीट को रि-ट्वीट करते हुए चिराग पासवान ने नीतीश सरकार पर हमला बोला था.जिसके बाद जेडीयू सांसद ललन सिंह ने उनके ऊपर पलटवार करते हुए कहा था कि चिराग कालिदास की तरह उसी टहनी को काट रहे हैं, जिसके ऊपर बैठे हुए हैं.चिराग पासवान का मानना है कि उन्होंने PM मोदी के ही ट्वीट को दुबारा ट्वीट किया था.इसलिए उस ट्वीट को एकर किया गया हमला सीधे PM मोदी पर हमला है.सूत्रों के अनुसार चिराग पासवान का कहना है कि जेडीयू द्वारा PM मोदी का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगें.

दरअसल, PM मोदी के अपमान का बहाना बनाकर नीतीश सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला एकर चिराग पासवान ने एक तीर से दो निशाना साधा है.अब बीजेपी को उन्होंने नीतीश कुमार पर दबाव बनाने का ओका दे दिया है.अब बीजेपी नाराज चिराग पासवान को मनाने के बहाने नीतीश कुमार पर चिराग पासवान केहिस्से की सीटें देने के बाद बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने का दबाव बनायेगी.बीजेपी नीतीश कुमार को ये समझाने का प्रयास करेगी कि चिराग पासवान के महागठबंधन के साथ चले जाने से NDA का खेल बिगड़ सकता है.सरकार बनाने के लिए एलजेपी को साथ रखना जरुरी है.चिराग पासवान को भले 41 सीटें नहीं मिले लेकिन 35 सीटों की व्यवस्था तो बीजेपी जेडीयू पर दबाव बनाकर कर ही सकती है.

जानकारों का कहना है कि हमेशा बीजेपी के साथ 140 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़नेवाला जेडीयू इसबार 110-112 सीटों पर सिमट सकता है.बीजेपी भी 100 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लडेगी.लेकिन अगर ऐसा होता है तो नीतीश कुमार की चुनौती बढ़ जायेगी.अगर बीजेपी और एलजेपी के लिए सरकार बनाने के लिए पर्याप्त विधायक हो जाते हैं तो बीजेपी चिराग पासवान से मिलकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कब्ज़ा कर सकती है. चिराग पासवान नीतीश कुमार का विरोध कर सकते हैं और बीजेपी के सीएम बनाने की मांग कर सकते हैं.

चिराग पासवान ने नीतीश सरकार से समर्थन वापसले लेने का फैसला तो ले लिया है.लेकिन  इसकेसाथ ही उनकी पार्टी में टूट का खतरा बही बढ़ गया है.जेडीयू उनकी पार्टी के दो विधायकों को तोड़ सकती है.हालांकि सरकार बचाने के लिए एलजेपी को तोड़ने की दरकार नीतीश कुमार को नहीं है.एलजेपी के दो ही विधायक हैं और उसमे से भी एक विधायक राजू तिवारी  एलजेपी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष है.इतना अहम् पद छोड़कर वो जेडीयू के साथ जायेगें इसकी संभावना कम ही है.

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