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तेजस्वी यादव को कोरोना जांच प्रयोगशाला में भेजेंगे मंगल पांडेय.

नासमझ नेता प्रतिपक्ष को समझाने की करेंगे कोशिश, उनके उटपटांग आरोपों से से हैं परेशान हैं मंगल..

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सिटी पोस्ट लाइव :अब  तेजस्वी यादव ने सवाल पूछा कि स्वास्थ्य विभाग में नया प्रधान सचिव के आते ही 2 दिन में ही कोरोना के केस अचानक कैसे बढ़ गए. आगे स्वास्थ्य मंत्री पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा है कि कमीशन नहीं मिलने से कोवास मशीन का आर्डर रद्द किया गया है. तेजस्वी के इस बयान पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी को जांच की प्रयोगशाला में ही जांच की पाठशाला समझ में आएगी. ऐसे समझ नहीं आएगी.

आगे बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव गलत बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं. जानकारी तो रखते नहीं, लेकिन नित्य दिन वे नया-नया शिगूफा छोड़ सरकार के काम-काज पर उंगली उठा राज्य की जनता को दिग्भ्रमित कर रहे हैं. तेजस्वी को ज्ञानवर्द्धन करना चाहिए कि ICMR ने यह बताया है कि  रैपिड एंटीजेन टेस्ट किट में यदि किसी मरीज की जांच रिपोर्ट पाजिटिव आती है, तो उसमें RT-PCR के जांच की आवश्यकता नहीं है. उसे पूर्णतः कोरोना पाजिटिव मरीज माना जाता है. उसी तरह True Net मशीन में यदि किसी की जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो उसे पूर्णतः निगेटिव मरीज माना जाता है.

तेजस्वी यादव देश और दुनिया की जानकारी लेकर बयान दिया करें तो बेहतर होगा. पूरी दुनिया और सम्पूर्ण भारत में कोरोना मरीजों की पहचान बड़ी संख्या में रैपिड एंटीजेन टेस्ट किट से की जा रही है. ताकि जल्द से जल्द और अधिक से अधिक कोरोना पाजिटिव मरीजों की पहचान की जा सके. आज सम्पूर्ण राज्य की जनता तेजी से हो रही रैपिड टेस्ट से प्रसन्न है. तेजस्वी यादव घर के AC कमरे में बैठकर बयान न दें. RT-PCR जांच, True Net जांच, रैपिड जांच, पुल जांच एवं आरएनए ऐस्ट्रैक्शन के बारे में समझ विकसित करने के लिए किसी जांच की प्रयोगशाला में वे पीपीई किट पहनकर जायें. सरकार जांच प्रयोगशाला में उनको समझाने की सारी व्यवस्था कर देगी और तब नेता प्रतिपक्ष चिकित्सक बनने की कोशिश करें.

नेता प्रतिपक्ष बिना तथ्यों की जानकारी प्राप्त किए रोज बयानों में ताबड़तोड़ पलटी मारते हैं. विगत दिनों इनके पापा भी अस्पतालों में रूई और सुई का रोना रो रहे थे, लेकिन उन्हें मालमू होना चाहिए कि जिसकी कल्पना भी उन्होंने नहीं की होगी. उससे भी कहीं अधिक अत्याधुनिक उपकरण और व्यवस्था से अस्पतालों को सुसज्जित किया जा रहा है. रूई और सुई की बात करने वाले लालू राज में मरीज अस्पताल जाना तो दूर बगल से गुजर जाते थे, लेकिन अस्पताल में झांकते नहीं थे. आज सरकारी अस्पतालों में न सिर्फ मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है, बल्कि गंभीर से भी गंभीर बीमारी का इलाज सूबे में संभव है और सरकारी अनुदान भी मिल रहा है. चुनाव में करारी हार को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष अनाप-शनाप बोल कर और सरकार के खिलाफ गैर जिम्मेदाराना बयान देकर बिहार की जनता को भ्रम में रखना चाहते हैं, ताकि किसी तरह वे अपने वोट बैंक को बरकरार रख सकें। लेकिन बिहार की जनता उनकी बातों में आने वाली नहीं है.

गौरतलब है कि आज तेजस्वी यादव ने कोरोना को लेकर राज्य सरकार पर सनसनीखेज आरोप लगाया है, उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग में नया प्रधान सचिव के आते ही 2 दिन में ही कोरोना के केस 30 हजार कैसे बढ़ गए. तेजस्वी ने स्वास्थ्य मंत्री पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा है कि कमीशन नहीं मिलने से कोवास मशीन का आर्डर रद्द किया गया है.

उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब प्रतिदिन 1 लाख जांच की बात कही जा रही है. जबकि ICMR कहता है कि एंटीजन टेस्ट प्रामाणिक नही है, बावजूद इसके बिहार में सिर्फ एंटीजन टेस्ट ही क्यों हो रहे है. मैं जानना चाहता हूं कि RTPCR जांच बिहार क्यों नही हो रहा है. तेजस्वी ने कहा है कि जो जांच हो रही है उसकी कोई एक्यूरेसी नहीं है. सिर्फ दिखाने के लिए जांच हो रही है.  बिहार सरकार लोगों के जान के साथ खिलवाड़ कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बताये कौन सी जांच एक्यूरेट है.

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