सिटी पोस्ट लाइव :लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव पुरे फॉर्म में हैं.वो चुनाव की तैयारी में खुद तो जुट चुके हैं लेकिन अभीतक सहयोगी दलों को सीटों के बटवारे को लेकर बातचीत करने का कोई मौका नहीं दिया है.दरअसल तेजस्वी यादव कांग्रेस समेत सभी सहयोगी दलों की चाल समझ चुके हैं.उन्हें ये बखूबी पता है कि कांग्रेस पार्टी ज्यादा सीट मांगेगी और जीतन राम मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा भी 30-30 से कम सीट नहीं मांगेगी.ऐसे में उन्होंने सहयोगी दलों से बातचीत बंद कर अपना चुनावी तैयारी शुरू ककर दी है.
सूत्रों के अनुसार सीटों के बटवारे को लेकर ही राहुल गांधी ने बिहार के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को पटना शनिवार को भेंजा था.शक्ति सिंह गोहिल अपनी पार्टी के नेताओं से तो मिल लिएलेकिन तेजस्वी यादव से मिलने का मौका नहीं मिला.दरअसल, पिछले चुनाव में 41 सीटों पर चुनाव लड़नेवाली कांग्रेस पार्ट इसबार 75 सीटों की मांग कर रही है.उसकी दलील है कि नीतीश कुमार जब महागठबंधन इ थे 102 सीटों पर लड़े थे.अब वो जब NDA के साथ चले गएहैं, उनके हिस्से की सीटें सहयोगी दलों के बीच बातनी चाहिए.तेजस्वी यादव ऐसा करने के मूड में नहीं हैं क्योंकि उन्हें बखूबी पता है कि ज्यादा सीटें सहयोगी दलों को देने से सरकार बनाने में उनकी मुश्किल बढ़ जायेगी.सहयोगी दल कांग्रेस से लेकर सभी छोटे दल भी उनके नेत्रित्व को लेकर सवाल खड़ा कर चुके हैं.ऐसे में जब सरकार बनाने की बारी आयेगी, वो फिर से नखड़ा शुरू कर देगें.
तेजस्वी यादव 170 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं.वो पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि सीटों के बटवारे को लेकर वो किसी भी दल के नेता से बात नहीं करेगें.पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ ही सबको बात करनी पड़ेगी.उनकी मंशा साफ़ है उनकी पार्टी जीतनी सीटें देगी, उसे सबको मानना होगा.मोलजोल का कोई स्कोप नहीं है.सूत्रों के अनुसार शक्ति सिंह गोहिल को भी मिलने का समय्तेजस्वी यादव ने नहीं दिया और शक्ति सिंह गोहिल जगदानंद सिंह के साथ बातचीत के लिए तैयार नहीं हुए.शक्ति सिंह गोहिल वगैर RJD से बात किये दिल्ली लौट गए.
खबर के मुताबिक शनिवार को पटना पहुंचे बिहार कांग्रेस प्रभारी को आज यानि सोमवार को दिल्ली जाना था. लेकिन महागठबंधन के नेताओं से बिना मिले शक्ति सिंह गोहिल रविवार को ही अचानक दिल्ली लौट गए. महागठबंधन को लीड करने का दावा कर रहे तेजस्वी यादव से ना तो मुलाकात हो पाई ना ही महागठबंधन के किसी अन्य नेता से. हालांकि कि बताया गया कि तेजस्वी यादव को छोड़कर महागठबंधन के ज्यादातर नेता दिल्ली में हैं. लेकिन शक्ति सिंह गोहिल की अचानक दिल्ली वापसी से पार्टी के अंदर कई तरह की चर्चा है.
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