सिटी पोस्ट लाइव ; अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण के शिलान्यास के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) का दर्द एकबार फिर से बाहर आ गया है.उन्होंने एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी के इस कार्यक्रम में शामिल होने पर सवाल खड़ा किया है. ओवैसी ने कहा, ‘मैं शुरू से ही यह कहता रहा हूं कि पीएम को भूमि पूजन में शामिल नहीं होना चाहिए था. क्योंकि- वह किसी समुदाय के पीएम नहीं है, भारत का एक ही धर्म है. उन्होंने कहा कि ये लोकतंत्र की हार है.
ओवैसी ने आगे कहा, पीएम का इस कार्यक्रम में शामिल होना देश की धर्मनिरपेक्ष नीतियों का उल्लंघन है. आज हिंदुत्व और धर्मनिरपेक्षता के लिए एक सफल दिन है क्योंकि मोदी (एक पीएम के रूप में) इस कार्यक्रम में शामिल हुए. पीएम ने कहा कि आज का कार्यक्रम भारत का प्रतीक है. लेकिन, वह एक देश के पीएम हैं और उन्हें समझने की जरूरत है कि देश का प्रतीक मंदिर या मस्जिद नहीं हो सकता.
उन्होंने कहा, पीएम ने अपने भाषण में कहा, राष्ट्र बहुत भावुक है. मैं कहना चाहता हूं कि ओवैसी बहुत ही भावुक है, क्योंकि मैं समानता और नागरिकता में विश्वास करता हूं, क्योंकि वहां पर 400 से अधिक वर्षों से एक मस्जिद थी और मैं भी भावुक हूं क्योंकि आपकी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट, में झूठ बोला है. बीजेपी और संघ परिवार ने मिलकर बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था.
ओवैसी ने आगे बोलते हुए कहा, ‘मैं कह रहा हूं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रमुख उपस्थिति के कारण हिंदुत्व की सफलता का दिन है. वह वहां क्यों है? भागवत ने कहा कि यह नया भारत बनाता है. क्या है नया भारत? नया भारत जहां मुस्लिमों के साथ भेदभाव किया जाएगा.
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