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प्राइवेट स्कूलों और कोचिंग संस्थानों के शिक्षकों की स्थिति दयनीय, सरकार को लेना चाहिए संज्ञान : अभिषेक झा

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सिटी पोस्ट लाइव : रालोसपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी की वजह से पूरा विश्व प्रभावित हुआ है और इसका व्यापक असर भारत तथा बिहार प्रदेश में भी देखने को मिला है। इसका बड़ा दुष्परिणाम अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है और लगभग हर प्रकार के उद्योग इससे प्रभावित हुए हैं। आगे की भी राह आसान होती नहीं दिख रही है।

बिहार और लगभग पूरे देश में मार्च के महीने से ही सभी सरकारी और प्राइवेट शिक्षण संस्थान बंद है। बात अगर कुछ दिनों की होती तो लोग कैसे भी अपना गुजारा कर लेते लेकिन बीते 5 महीनों से सभी संस्थान बंद है। इस विपरीत परिस्थिति में शैक्षणिक संस्थानों में काम करने वाले शिक्षक हों या अन्य लोग हों आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। आने वाले दिनों में भी शिक्षण संस्थान खुलने के कोई आसार नहीं है क्योंकि इस महामारी का रूप और भयावह होता जा रहा है। परिणाम स्वरूप इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए स्थिति बेहद खराब है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत देश के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी लेकिन उस पैकेज में भी शिक्षा के क्षेत्र के लिए कुछ भी नहीं था।

हमें और समाज को यह समझने की जरूरत है कि राष्ट्र और समाज के निर्माण में शिक्षकों की और शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। यदि यह संकट इन पर बना रहा तो फिर पढ़ने वाले विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा। सरकार को इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए आर्थिक पैकेज के इंतजाम के साथ-साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए।

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