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बिहार में कोरोना 50 डॉक्‍टर संक्रमित, एक सिविल सर्जन सहित चार की मौत.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में कोरोना संक्रमण CoronaVirus Infection) से हर कोई दहशत में है.अब लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पुलिस को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ रही है.लोग इतने डरे सहमे हैं कि घर से निकलने से परहेज कर रहे हैं.अब तो कोरोना योद्धा भी दहशत में हैं.डॉक्टर  (Doctors) और स्वास्थ्यकर्मी बड़े पैमाने पर संक्रमित हो रहे हैं और दम तोड़ रहे हैं. पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (AIIMS Patna) में कोरोना से तीन की मौत (Death) हो चुकी है. एक डॉक्‍टर समस्‍तीपुर के सिविल सर्जन की मौत तो बुधवार को ही हुई है. पटना एम्‍स में वर्तमान में 30 कोरोना संक्रमित (COVID-19 Positive) डॉक्‍टर भर्ती हैं, जिनमें कुछ की हालत गंभीर (Critical) बताई जा रही है. पूरे बिहार में  करीब 50 डॉक्‍टरों के कोरोना संक्रमित बताए जा रहे हैं. चार डॉक्‍टरों की मौत अबतक हो चुकी है.

बुधवार की सुबह पटना एम्‍स में भर्ती समस्‍तीपुर के सिविल सर्जन (Civil Surgeon Samastipur) की मौत कोरोना से हो गई. बीते 14 जुलाई को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्‍हें एम्स पटना में भर्ती कराया गया था. उन्‍हें सांस लेने में तकलीफ थी. बुधवार की सुबह इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.पटना के एम्स में फिलहाल तीन सिविल सर्जन सहित 30 कोरोना संक्रमित डॉक्टर  भर्ती हैं. इनमें सारण व नवादा के सिविल सर्जन तथा बिहटा की एक डॉक्टर  शामिल हैं. इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है. कई वेंटिलेटर पर रखे गए हैं. एम्‍स में भर्ती 12 डॉक्टर  स्‍वस्‍थ होकर घर जा चुके हैं और तीन डॉक्टर जान भी गवां चुके हैं.

पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्‍पताल (PMCH)  के भी 18 डॉक्‍टर कोरोना संक्रमण के शिकार हो चुके हैं. पीएमसीएच माइक्रोबायोलॉजी विभाग के दो प्रोफेसर एक एसोसिएट प्रोफ़ेसर समेत छह डॉक्टर, ईएनटी विभाग में तीन, आंख विभाग में एक, स्त्री रोग विभाग में सात, एनेस्थीसिया विभाग में दो क्लीनिकल पैथोलॉजी में तीन तथा मुख्य आकस्मिक चिकित्सा पदाधिकारी सक्रमित मिल चुके हैं. इनमें एक की मौत हो गई है.

डॉक्‍टरों व चिकित्‍साकर्मियों का कहना है कि सुरक्षा संसाधनों की कमी की वजह से वो संक्रमित हो रहे हैं.डॉक्टरों का कहना है कि डॉक्‍टर के पास आने वाला कौन मरीज कोरोना संक्रमित है, यह बताना जांच के बिना मुकिल है. ऐसे में बचाव का बेहतर उपाय ही एकमात्र विकल्‍प है. लेकिन बचाव के लिए जरुरी उपकरण और संसाधन उन्हें उपलब्ध नहीं है.PMCH के जूनियर डॉक्टर तो खुल्लेयाम आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें सेनेटाईजर की जगह पानी मिल रहा है. मास्क और ग्लब्स की भी कमी है.जूनियर डॉक्टर जिनके ऊपर ईलाज की जिम्मेवारी है, वो खुद दहशत में हैं.

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