मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा खेल नीति का परिणाम पांच वर्ष बाद सामने आएगा

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड  में खेले जाने वाले खेल एवं खिलाड़ियों को प्राथमिकता दें, जिससे प्रतिभा की पहचान हो सके। इन प्रतिभाओं को बेहतर प्रशिक्षण देकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर में भाग लेने के अनुरूप तैयार किया जा सके। इन बातों को खेल नीति में शामिल करें। खेल के मैदान का निर्माण प्रखंड स्तर पर भी करें। खेल नीति का परिणाम पांच वर्ष बाद सामने आएगा। ये बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने शुक्रवार को कही। मुख्यमंत्री मंत्रालय में खेल नीति 2020 की समीक्षा के क्रम में अधिकारियों को निदेश दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक पोर्टल प्रारंभ करें, जहां राज्य के खिलाड़ियों अपना ब्योरा दर्ज कर सकें। खिलाड़ियों का डाटाबेस तैयार करें। यह खेल नीति को और कारगर बनाने में सहायक साबित होगा।
खेल नीति 2020 की खास बातें
राज्य के सभी बालक बालिकाओं एवं युवा एवं सभी आयु वर्ग के नागरिकों के लिए खेल को उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने एवं सारी गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध करवाना प्रतिभाशाली बालक युवा खिलाड़ियों को चयनित खेल विधा में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिखर तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त करना और प्रतिभा की पहचान कर उसे मौका देना। प्रशिक्षण दे देकर उनका सर्वांगीण विकास और आगे चलकर उन्हें चैंपियन बनाने की दिशा में कार्य करना
खेल नीति का उद्देश्य
राज्य में खेलों में खिलाड़ियों का अभूतपूर्व निर्माण एवं विकास करनाए खेल को आकर्षक एवं व्यवहार्य कैरियर विकल्प के रूप तैयार करना, पंचायत स्तर से राज्य स्तर तक खेल को सामाजिक परिवर्तन और विकास उत्प्रेरक बनानाए हर उम्र के नागरिकों के लिए खेल एवं शारीरिक गतिविधियों के लिए वातावरण तैयार करना, खिलाड़ियों का डाटा बेस तैयार कर अंतरराष्ट्रीय क्षमता मानक के साथ सुविधाएं संसाधन उपलब्ध कराना, देशज एवं पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहन देनाए खेल पर्यटन को बढ़ावा देना एवं दिव्यांग खिलाड़ियों को भी समान अवसर प्रदान करना।
खेलों को प्राथमिकता के आधार पर तीन वर्गों में बांटा गया
अधिक संभाव्यता वाले खेल एथलेटिक्स, हॉकी, तीरंदाजी, फुटबॉल, बैडमिंटन, कुश्ती, साइकलिंग, कबड्डी। संभाव्यता वाले खेल वुशु, बॉलीबाल, दिव्यांग खेल। कम संभाव्यता वाले खेल मुक्केबाजी, खो.खो, निशानेबाजी, जिमनास्ट व अन्य।
खेल नीति 2020 से जुड़ीं कुछ अन्य बातें
खिलाड़ियों में प्रतिभा अभिवृद्धि के लिए पंचायत, प्रखंड, जिला, व राज्य स्तर पर कार्य करने की योजना। खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति देने की योजना।
पूर्व खिलाड़ियों की पेंशन योजना का लाभ
मुख्यमंत्री को शिक्षा एवं खेल, ग्रामीण खेल, केंद्र खेल अकादमी, खेल विश्वविद्यालय, खेल विज्ञान खेल प्रतिभा खोज, खेल संरचना विकास, प्रशिक्षक विकास, खेल एवं खिलाड़ी प्रोत्साहन, खिलाड़ी आरक्षण ’(शिक्षण संस्थानों में 3 प्रतिशत एवं सरकारी नौकरी में 2 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण) एवं भर्ती, झारखण्ड के खिलाड़ियों को राज्य स्तर की द्वितीयए तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में सीधी भर्ती, फिजिकल फिटनेस प्रोग्रामए खेल ब्रांडिंग एवं पारदर्शिता के संबंध में भी खेल नीति 2020 के तहत जानकारी दी गई’
अन्य सुझाव
सर्वश्रेष्ठ पीएचई, पीटी शिक्षक एवं जमीनी स्तर के कोच के लिए पुरस्कार, पीटी शिक्षक एवं जमीनी स्तर के प्रशिक्षकों के लिए राज्य प्रतिभा पूल बनाना, खेल गतिविधियों और कम्युनिकेशन कौशल के संबंधित पीपीपी और प्रायोजकों को आकर्षित करना, फुटबॉल, हॉकी आदि के लिए झारखण्ड प्रीमियर लीग का आयोजन कर चिन्हित खेलों, ग्रामीण स्तरीय खेल, पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना, डोपिंग मुक्त खेल की दुनिया को सुनिश्चित करने के लिए झारखंड में नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड ऑफ इंडिया की तरह की कानूनों को लागू करना, विभाग उन संगठनों को भागीदार बनाने का कार्य करेगा जो झारखंड में स्कूली बच्चों की स्पोर्ट्स डेवलपमेंट के लिए इच्छुक हैं, फुटबॉल, तीरंदाजी और एथलेटिक्स में रोड मैप के लिए विशेष सहकारिता पहल एवं राज्य में खेल वातावरण को बढ़ावा देने के लिए स्टेट स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड का निर्माण। बैठक में मुख्य सचिव  सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव  के के खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  राजीव अरुण एक्का, सचिव  हिमानी पांडेय ,सचिव  पूजा सिंघल व अन्य उपस्थित थे।
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