सिटी पोस्ट लाइव : भारत के सख्त रुख से घबरा कर गलवान घाटी से तंबू उखाड़ कर चीनी सेना के भागने के बाद चीन के सरकारी मीडिया ने भारत के लड़ाकू हेलिकॉप्टर अपाचे और टी-90 टैंक की तैनाती पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. चीन के सरकारी प्रोपेगैंडा अखबार ग्लोबल टाइम्स ने बानर धमकी दी है कि अगर भारत ने कोई उकसावे वाली कार्रवाई की तो हम अब भी पूरी तरह से तैयार हैं. उसने कहा कि भारत का जवाब देने के लिए पीएलए ने तिब्बत के ऊंचाई वाले इलाकों में कई अत्याधुनिक हथियार तैनात किए हैं.
ग्लोबल टाइम्स ने यह भी आरोप लगाया कि भारत लगातार सेना को जुटा रहा है और युद्धाभ्यास कर रहा है. चीनी अखबार ने कहा कि पीएलए ने मल्टिपल रॉकेट लॉन्चर, तोपें, एंटी टैंक मिसाइल, एंटी एयरक्राफ्ट गन, हल्के टैंक और अटैक हेलीकॉप्टर अपनी उत्तर पश्चिमी सीमा में तैनात किए हैं. ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि ये हथियार खास तौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में लड़ाई के लिए तैयार किए गए हैं.चीनी अखबार ने कहा कि भारत ने हाल ही में अपने अग्रिम मोर्चों पर अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं. इसके अलावा भारत ने गलवान घाटी में टी-90 टैंक तैनात किए हैं.
ग्लोबल टाइम्स ने कथित सैन्य विशेषज्ञों के हवाले से दावा किया कि पीएलए के हथियार ऊंचाई वाले इलाकों में युद्ध के लिए बहुत उपयोगी हैं. उसने कहा कि चीनी हथियार भारत के हथियारों को तबाह कर सकते हैं.ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि भारत के साथ तनाव घटाने पर भले ही सहमति बन गई हो लेकिन चीनी सेना भारत के किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई का जवाब देने को तैयार है.गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में करीब 3 हफ्ते तक सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति के बाद आखिरकार चीन की ओर से सकारात्मक कदम उठते दिखाई दे रहे हैं. लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से एक ओर चीनी नेता शांति की बात कर रहे थे, तो दूसरी ओर चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अपनी मजबूती बढ़ाती जा रही थी.
अब ताजा सैटलाइट तस्वीरों में देखा जा सकता है कि चीन के सैनिक भी दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता के बाद पीछे हट चुके हैं. अमेरिका की स्पेस टेक्नॉलजी कंपनी Maxar ने गलवान घाटी की ताजा सैटलाइट तस्वीरें जारी की हैं जिन्हें ओपन सोर्स इंटेलिजेंस अनैलिस्ट Detresfa ने ट्वीट किया है. इनमें दिखाई दे रहा है कि जहां पहले सैनिक मौजूद थे और सेना ने पोजिशन लेकर रखी थी, वहां से उनका पीछा हटना शुरू हो चुका है. भारत और चीन के बीच बातचीत के बाद इस पर सहमति जताई गई थी. सैटलाइट तस्वीरों के आधार पर कहा जा सकता है कि चीन का बेड़ा 1.2 किमी तक पीछे हट गया है.