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पुलिस ने कसा शिकंजा, विकास दुबे का करीबी अमर दुबे मुठभेड़ में ढेर

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सिटी पोस्ट लाइव, कानपुर: बिकरु कांड में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों को शहीद करने वाले विकास दुबे और उनके गुर्गों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। पुलिस ने विकास दुबे की लोकेशन हरियाणा के फरीदाबाद में खोज निकाली है तो उसके साथ साये की तरह रहने वाले शार्प शूटर अमर दुबे को हमीरपुर के मौदहा कस्बे में मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। इसके साथ ही एक और साथी कानपुर में पुलिस की गोली से घायल हुआ और दो साथी दूसरे शहरों से पकड़े गये। अमर दुबे के मारे जाने से उसका पूरा परिवार विकास दुबे को कोस रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि अमर ने छोटी सी उम्र में विकास के साथ रहकर राजनीति में जाने का सपना संजोया था। उसने कम उम्र में करोड़ों की संपत्ति बना रखी थी और महंगी गाड़ियों में चलना व असलहों के साथ फोटो खिंचवाना उसका शौक था।
चौबेपुर के बिकरु गांव में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों को मौत की नींद सुलाने वाले दहशतगर्दों को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए पुलिस लगातार प्रयासरस है। हालांकि इस घटना का मुख्य अभियुक्त हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है, पर पुलिस ने जिस तरह से दहशतगर्दों पर शिकंजा कसा है उससे विकास के गुर्गे या तो पकड़े जा रहे हैं या तो मारे जा रहे हैं। इसी क्रम में एसटीएफ और हमीरपुर पुलिस ने विकास दुबे का दाहिना हाथ कहा जाने वाला बिकरु गांव निवासी अमर दुबे को मुठभेड़ में मार गिराया। अमर पर चौबेपुर समेत कई थानों में मुकदमे दर्ज हैं, उसकी उम्र 23 से 24 साल बताई जा रही है। पुलिस के मुताबिक बिकरु कांड में विकास के साथ शामिल रहे शॉर्प शूटरों में उसका भी नाम था और उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। मंगलवार को पुलिस द्वारा जारी पोस्टर में अमर दुबे की भी तस्वीर थी और उसे विकास के पांच गुर्गों में सबसे खास बताया गया था।
 
शूटरों के इंतजाम की भी संभालता था जिम्मेदारी
बिकरु गांव में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद फरार दुर्दांत बदमाश विकास दुबे का दाहिना हाथ अमर दुबे ही शूटरों का इंतजाम करता था। हर घटना की ब्यूह रचना अमर के जिम्मे थी। वह रायफलधारियों के साथ हमेशा विकास के साथ ही रहता था। जरुरत पड़ने पर विकास शूटरों का इंतजाम करता था। घटना वाले दिन भी विकास के घर पर ही असलहाधारियों के साथ घर मौजूद था। अमर दुबे बचपन से ही शरीर से हष्ट-पुष्ट था और पढ़ने में कुछ खास नहीं था। लड़ाई झगड़ों में वह सदैव आगे रहता था और राजनेता बनने की उसकी दिली तमन्ना रही। इसी के चलते उसने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का साथ पकड़ा और उससे ऐसी नजदीकी बनाई कि दाहिना हाथ कहा जाने लगा। इस पर विकास के न रहने पर ज्यादातर काम वही निपटाने लगा और धीरे-धीरे अवैध कमाई के जरिये करोड़ों की संपत्ति जुटाने लगा। ग्रामीण बताते हैं कि उसका राजनेता बनने का सपना था और मंहगी गाड़ियों में चलना उसका शौक था। इसके साथ ही असलहों से उसका बहुत प्रेम था। विकास के साथ कहीं जाने पर असलहों की वही व्यवस्था करता था। महज 23-24 साल की उम्र में उसने करोड़ों की संपत्ति के अलावा राजनेताओं में अच्छी पकड़ बना रखी थी, साथ ही पुलिस से लेकर अधिकारियों तक से वह बेधड़क मिलता था।
बिकरु कांड के चार दिन पहले हुई थी शादी
बताया जा रहा है कि बिकरु कांड के चार दिन पहले 29 जून को ही अमर दुबे की शादी हुई थी। विकास दुबे ने ही रिश्ता तय कराया था, लेकिन लड़की वालों ने अपराध के बारे में जानकारी होने पर मना कर दिया था। इसके बाद विकास ने लड़की को उसके परिवार के साथ अपने घर बुला लिया और यहीं शादी करा दी। दो दिन लड़की विकास के घर पर रही थी। उसके बाद परिवार के साथ विदा कर दिया गया। शादी की सिर्फ रस्म अदायगी रही। परिवार के लोग ही शामिल हुए। कोई कार्ड नहीं बांटे गए, भव्य आयोजन नहीं हुआ। विकास के करीबी 20-25 लोगों को ही शादी की दावत दी गई थी।
घटना के कुछ घंटे बाद मारा गया था चाचा
बिकरु कांड में आठ पुलिस कर्मियों की मौत के बाद कुछ ही घंटों में पुलिस ने मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के मामा प्रेम प्रकाश पाण्डेय और अतुल दुबे को जंगल में मार गिराया था। अतुल दुबे अमर दुबे का चाचा था। अमर की मां क्षमा दुबे को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। क्षमा ने घटना के दिन वारदात में शामिल अपराधियों को भगाने में सहयोग दिया था। पुपुलिस अब शिवली और शिवराजपुर थाने में उसका आपराधिक इतिहास खंगाल रही है। अमर के पिता संजीव उर्फ संजू दुबे के खिलाफ भी 12 से अधिक मुकदमे दर्ज थे, हालांकि सड़क हादसे में उनकी सात साल पहले मौत हो चुकी है।
 
परिवार ने विकास पर लगाया बर्बाद करने का आरोप
पहले चाचा अतुल दुबे की एनकाउंटर में मौत और फिर आज अमर दुबे हमीरपुर में एनकांउटर में मारा गया। इस पर पूरा परिवार सदमे में है और अमर की दादी ज्ञानवती दुबे ने कहा कि विकास दुबे की एक करतूत से पूरा परिवार बर्बाद हो गया। पहले बेटा खोया और अब पौत्र भी पुलिस की गोली का शिकार हुआ। उन्होंने बताया कि अमर के एनकाउंटर में मारे जाने की सूचना सुबह आठ बजे पुलिस ने उन्हें दी और घर में घुसकर फिर से तलाशी ली। उन्होंने विकास के लिए अमर और अतुल के काम करने की जानकारी से इनकार किया। उनका कहना है कि उन्होंने कभी अमर या अतुल को असलहा लाते और ले जाते और घर में रखते नहीं देखा था। उन्होंने बताया कि गांव में हुए कांड से एक दिन पहले अमर घर से सुबह अपने साथियों के साथ जाने की बात कहकर निकला था। इसके बाद से वह नहीं लौटा और बुधवार को उसके एनकाउंटर में मारे जाने की खबर आई।

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