सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड कांग्रेस ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के शासनकाल में हुई गड़बड़ियों की यदि सही तरीके से जांच करायी जाए, तो 70 वर्षों के आजाद भारत के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला सामने आएगा। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर शाहदेव और राजेश गुप्ता ने रविवार को कहा कि रघुवर दास का यह बयान कि मुहल्ला चलाना नहीं आता, केंद्र सरकार के कार्यों पर सवाल उठाते है, यह कथन उनके अहम को दर्शाता है। इसी अहम के कारण पहले जनता ने उन्हें पूरी तरह से नकार दिया और अब पार्टी ने भी उन्हें नकार कर किनारे लगाने का काम किया है। प्रवक्ताओं ने कहा कि पांच वर्षों तक शासन करने वाले नेता का आज यह हश्र हो गया है कि मीडिया में सुर्खियों में बने रहने के लिए उन्हें अनर्गल बयान देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि रघुवर दास के पांच वर्षां के कार्यकाल को यदि देखा जाए, तो कोई भी ऐसा क्षेत्र न होगा, जहां मवाद न हो। इनके कार्यकाल में जिस तरह से भ्रष्टाचार की गंगोत्री बही, वह पूरे देश में ऐतिहासिक होगी। राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों में गड़बड़ियों की जांच शुरू कर दी है, जल्द ही सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।
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चाहे वह निवेश के नाम पर मोमेंटम झारखंड हो या युवाओं को रोजगार देने का मसला हो या ऊर्जा, पथ या भवन निर्माण में हुई गड़बड़ियों का मामला हो,या बांध को चूहा खाने की घटना हो सभी विभागों में एक-एक कर जांच करायी जाएगी। प्रवक्ताओं ने कहा कि रघुवर दास को नकारात्मक राजनीति छोड़कर सकारात्मक भूमिका में आना चाहिए। उन्हें प्रधानमंत्री को पत्र लिखना चाहिए कि पेट्रोल, डीजल और गैस की बेतहाशा बढ़ रही कीमतों को कम करना वर्तमान समय में अति आवश्यक है। कोरोनावायरस में झारखंड को उदारता पूर्वक सहायता दिए जाने की बात करनी चाहिए। छह महीने पहले तक वह राज्य के मुख्यमंत्री थे। उन्हें राज्य की चिंता होनी चाहिए। राज्य के लोगों के प्रति उनकी संवेदनशीलता दिखनी चाहिए। बढ़ती महंगाई और आदिवासी बाहुल्य झारखंड प्रदेश में विशेष सहायता की जरूरत है। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भी इस बात को महसूस किया होगा। अनर्गल विधवा विलाप रघुवर दास को शोभा नहीं देता है।
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