सिटी पोस्ट लाइव, रांची: बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर सीबीआई की ओर से जब्त कोयला को गायब करने के मामले में कार्रवाई की मांग की है। बाबूलाल मरांडी ने बताया कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा झारखंड राज्य के गिरिडीह जिला अन्तर्गत ब्रह्महीहा ओपेनकास्ट माइंस (केस्ट्रोन माईनिंग) से जब्त कोयला में से 2000 टन कोयला गायब करने की शिकायत मिली है। उन्हांेने बताया कि बहुचर्चित कोल ब्लाॅक आवंटन घोटाले की जांच की जद में यह माइंस भी है। सीबीआई द्वारा कोलगेट घोटाले की जांच के तहत ही उक्त माइंस से 16000 टन कोयला को पांच वर्ष पूर्व जब्त किया था।
यह माइंस जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र टिकोडीह-चुंजका के नजदीक स्थित है। इस माइंस से लगातार कोयला गायब किया जा रहा है। फर्जी कागजात के सहारे कोयला के उठाव करने की बात सामने आ रही है। बीजेपी विधायक दल के नेता ने बताया कि जानकारी के अनुसार पांच वर्ष पूर्व उक्त माइंस की जांच करने के बाद सीबीआई की टीम द्वारा वहां से जब्त 16000 टन कोयला के स्टाॅक की जवाबदेही माइंस के ही निजी सुरक्षागार्डो को दे दी गई थी। सी0बी0आई0 द्वारा सुपुर्द जब्त कोयला के इसी स्टाॅक में से धीरे-धीरे कोयला गायब किया जाने लगा।
अब तक लगभग 2000 टन से अधिक कोयला गायब किए जाने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि लाॅकडाउन अवधि से ठीक पूर्व फरवरी माह में धनबाद की एक कथित कंपनी द्वारा दस्तावेजों का फर्जीवाड़ा कर कई ट्रक कोयला इस माइंस से ढोया गया। कंपनी के लोगों ने सीबीआई द्वारा जब्त किए गए स्टाॅक से कोयला उठाव का आदेश मिलने की झूठी बात बताकर गलत कागज दिखाकर दो दिनों में कई ट्रक कोयला को टपा लिया गया। लाॅकडाउन अवधि के दौरान भी कोयला गायब करने- कराने का खेल बदस्तूर जारी रहा।
पुलिस को सूचना के बाद भी आज भी स्टाॅक कोयला गायब होना कई सवाल खड़े करता है। कोलगेट घोटाला सामने आने के बाद तीन दफा सीबीआई की टीम उक्त माइंस की जांच के लिए आ चुकी है। जबकि रांची से दो बार प्रवर्तन निदेशालय की टीम भी पहुंची है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस खेल के पीछे कौन लोग शामिल हैं, यह जांच का विषय है। कोल ब्लाॅक आवंटन जैसे बहुचर्चित घोटाला से मामला जुड़ा होने के कारण इसमें बड़े स्तर पर खेल किए जाने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। इसमें कोयला के अवैध कारोबारियों व कुछ स्थानीय राजनीतिज्ञों के नापाक गठजोड़ के भी तार आपस में जुड़े होने की चर्चा भी स्थानीय स्तर पर जोरों से है। हालांकि जांच के उपरांत सारी सच्चाई स्वतः सामने आ जाएगी।
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