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अब प्रियंका बोलीं दिल्ली-मुम्बई से अधिक आगरा में कोरोना से मृत्युदर

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सिटी पोस्ट लाइव, लखनऊ: प्रदेश में बसों की सियासत के बाद अब कांग्रेस आगरा में कोरोना से मौतों को मुद्दा बनाने में जुट गई है। ताजनगरी में कोरोना से मौतों की संख्या को लेकर भ्रामक ट्वीट किए जाने पर जिलाधिकारी की ओर से नोटिस जारी होने के बाद अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने मंगलवार को एक और ट्वीट किया। इसमें उन्होंने फिर एक खबर का हवाला देते हुए कहा कि आगरा में कोरोना से मृत्युदर दिल्ली व मुम्बई से भी अधिक है। यहां कोरोना से मरीजों की मृत्यदर 6.8 प्रतिशत है। यहां कोरोना से जान गंवाने वाले 79 मरीजों में से कुल 35 प्रतिशत यानि 28 लोगों की मौत अस्पताल में भर्ती होने के 48 घण्टे के अंदर हुई है। उन्होंने कहा कि ‘आगरा मॉडल’ का झूठ फैलाकर इन विषम परिस्थितियों में धकेलने के जिम्मेदार कौन हैं? मुख्यमंत्री जी 48 घंटे के भीतर जनता को इसका स्पष्टीकरण दें और कोविड मरीजों की स्थिति और संख्या में की जा रही हेराफेरी पर जवाबदेही बनाएं।
इस ट्वीट में प्रियंका वाड्रा ने मुख्यमंत्री कार्यालय का एक पत्र भी अपलोड किया है। इसमें मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल ने 18 जून को लिखा है कि मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किए जाने वाले कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की मृत्यु संबंधित आंकड़े एवं वास्तविक रूप से घटित मृत्यु के आंकड़ों में विरोधाभास होता है। 17 जून को पेश की गई सूचना के अनुसार 16 जून को कोविड से संक्रमित 30 मरीजों की मृत्यु हुई है, जबकि वास्तविक रूप से यह संख्या काफी कम थी। मुख्यमंत्री ने इस पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि मृत्यु से संबंधित वास्तविक आंकड़े ही पोर्टल पर फीड किए जाएं और उसी के अनुसार सूचना उनके समक्ष प्रस्तुत की जाए। पत्र में ये भी कहा गया है कि पूव में घटित मृत्य के प्रकरणों में यदि फीडिंग अब तक नहीं की गई है, तो उसे अगले 24 घण्टों के पूर्ण कराया जाने एवं समय से फीडिंग न करने पर जिम्मेदारी भी सुनिश्चित की जाए।
पत्र में कहा गया है कि मृत्यु के सम्बन्ध में सही सूचना फीड करने के लिए यथास्थिति जहां मृत्यु होती है, वहां के चिकित्सा संस्थान के प्राचार्य, प्राइवेट एवं जिला अस्पताल के अधीक्षक को जिम्मेदार बनाया जाए। पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के स्तर से ही मरीज के गृह जनपद की सही जानकारी फीड किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। पत्र की कॉपी प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को भेजी गई है। हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया कि यह पत्र वास्तव में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव की ओर से जारी हुआ है या नहीं। इससे पहले आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने आज प्रियंका वाड्रा को ताजनगरी में कोरोना से मौतों के फर्जी आंकड़ों को लेकर नोटिस भेजा। इसमें उन्होंने कहा है कि प्रियंका गांधी के ट्वीट को देखकर भम्र की स्थिति पैदा होती है। जो लोगों में डर पैदा करती है, जबकि सच्चाई कुछ और ही है। जिलाधिकारी ने नोटिस के जरिए प्रियंका वाड्रा से 24 घंटे के अंदर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया है जिससे महामारी के कार्य में लगे कर्मचारियों का मनोबल न गिरे। दरअसल कांग्रेस महासचिव ने सोमवार को एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि आगरा में 48 घंटे में भर्ती हुए 28 कोरोना मरीजों की मौत हो गई। यूपी सरकार के लिए कितने शर्म की बात है कि इसी मॉडल का झूठा प्रचार करके सच दबाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि सरकार की नो टेस्ट-नो कोरोना पॉलिसी पर सवाल उठे थे। लेकिन, सरकार ने उसका कोई जवाब नहीं दिया। अगर यूपी सरकार सच दबाकर कोरोना मामले में इसी तरह लापरवाही करती रही तो अंजाम बहुत घातक होने वाला है। 
इसे संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने ट्वीट कर कहा कि खबर असत्य है। आगरा में पिछले 109 दिनों में अब तक 1136 केस एवं 79 मृत्यु हुई हैं। पिछले 48 घंटों में 28 कोरोना मरीजों की मृत्यु की खबर असत्य है। इसके बाद जिलाधिकारी ने एक और ट्वीट कर पिछले पांच दिनों के सैंपलिंग के आंकड़े दिए। 21 जून को 238, 20 को 272, 19 को 307, 18 को 295, 17 को 308 सैंपल लिए गए। जिलाधिकारी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 109 दिनों में जनपद आगरा में कोरोना के अब तक कुल 1,139 मामले आए हैं और 79 लोगों की मौत हुई है। पिछले 48 घंटे में 28 लोगों की मौत की सूचना असत्य एवं निराधार है।

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