सिटी पोस्ट लाइव : एक तरफ जहाँ केंद्र और राज्य सरकार पौधा लगाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है, जिससे पर्यावरण को शुद्ध किया जा सके लेकिन दूसरी तरफ पर्यावरण के दुश्मन, पौधे से पेड़ बन चुके और पर्यावरण के लिए अचूक औषधि पेड़ों की जबरन कटाई कर रहे हैं। पूर्वी चम्पारण के केसरिया थाना क्षेत्र और कल्याणपुर थाना क्षेत्र, दोनों थाना क्षेत्र के अंतर्गत गरिबा पंचायत के जनाकिया घाट पुल और नदी के किनारे लगे करीब 200 खड़े पेड़ों को ग्रामीणों ने काट डाले हैं। यह एक जघन्य अपराध है जिसपर बड़ी कार्रवाई की जरूरत है।
एक तरफ बिहार सरकार अपनी महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने के लिए लोगों को प्रेरित करने में तमाम बड़ी कोशिश करने में लगी हुए है। इससे आने वाली नई पीढ़ी को एक स्वच्छ वातावरण मिल सकेगा। लेकिन कुछ लोग पेड़ काटने में किसी तरह का परहेज नहीं कर रहे हैं। नदी के किनारे लगे कई तरह के कई पेंडों को ग्रामीणों ने काट डाले हैं। वहीं हरे-भरे पेड़ कट जाने के बाद, वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रभाकर झा को जैसे ही इसकी सूचना मिली, वे फौरन अपने दल-बल के साथ मौके पर पहुंच कर छापेमारी कर काटे हुए पेड़ और दो ट्रैक्टर को बरामद कर लिया है ।
वहीं पेड़ काटने वाले ग्रामीण, पुलिस को देख भागने में सफल रहे। वन विभाग के वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रभाकर झा ने बताया कि जैसे ही हम लोगों को सूचना मिली, वैसे ही हम लोग चल दिए और जब हम लोग घटनास्थल पर पहुंचे, तो देखा कि काफी मात्रा में पेड़ कटे हुए थे ।जब हमने कटे हुए पेड़ की गिनती कराई, तो 163 पेड़ कटे हुए मिले लेकिन अनुमान है कि इन कटे पेड़ों के अलावे और भी पेड़ कटे हैं, क्योंकि कईं अन्य कटे हुए पेड़ के उपर मिट्टी डालकर, उसे ढ़क दिया गया है। जाहिर तौर पर कई पेड़ को ग्रामीण अपने-अपने घर ले जा चुके हैं। इन पेड़ों के दुश्मन और इन पेड़ों के हत्यारों को कतई बख्सा नहीं जाना चाहिए। वन विभाग के अधिकारियों को इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए और आरोपियों को चिन्हित करते हुए, उन्हें कठोर दंड दिलाने की महती कोशिश करनी चाहिए।
सिटी पोस्ट के मैनेजिंग एडिटर मुकेश कुमार सिंह की स्पेशल रिपोर्ट
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