सिटी पोस्ट लाइव, रांची: आजसू पार्टी मुख्यालय में सोमवार को ऑनलाईन संकल्प सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा कि इस वैश्विक महामारी के दौर में पार्टी के विचारों को जनता तक पहुँचाने के लिए हमनें डिजिटल माध्यम को अपनाया है। झारखंड के तमाम शहीदों तथा गलवान घाटी में शहीद हुए सभी वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। यह दिन भारत के लोकतंत्र तथा मानचित्र में अंतर पैदा करने वाला दिन है। इसी दिन नौजवानों ने झारखंड की भावी कल्पना को मूलस्वरुप में लाने के लिए नेतृत्व देने का संकल्प लिया था। आज का दिन चिंतन और मंथन का है। अलग झारखंड राज्य का सपना आज भी अधूरा है। यह कोरोना काल हमारे लिए चेतावनी का काल है। इसने हमारे समक्ष कई विषयों को खड़ा किया है। हमारे जीने का अन्दाज बदला है। लाखों प्रवासी श्रमिक जो रोजी-रोटी के लिए राज्य से पलायन कर गए थे, उनकी घर वापसी हुई है।
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उन्हें रोज़गार मुहैया कराना राजनीति और राजनेताओं के लिए चुनौती का विषय है। सारी संस्थाओं के एक साथ लॉकडाउन होने से वित्तीय ढांचा हिल चुका है। लोगों को रोज़ी-रोटी के लिए सोचना पड़ रहा है। आज आरोप-प्रत्यारोप का वक्त नहीं बल्कि मूल्यांकन का वक्त है। हमें अब नए सिरे से राजनीति को बदलने की आवश्यकता है तथा लोक संपत्ति को निजी संपत्ति बनने से रोकना होगा। निजी संस्थाओं ने जो देश के प्रति भागिदारी एवं योगदान दिया है उसका मूल्यांकन करना जरुरी है। श्रम को संपत्ति बनाने की आवश्यकता है, जो भविष्य में भी लगातार आय का श्रोत बना रहे। सरकार के निर्णयों में विचारधाराओं को समाहित करना होगा। सरकार के आय का एकमात्र उपाय जनता पर करों का बोझ है। इसके विकल्प तलाशने होंगे। सरकारी योजनाओं को बन्द या स्थगित कर रोज़गार बढ़ाना असंभव है, इसके लिए तुरंत व्यापक स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट चालू करने की आवश्यकता है। ग्रामीण गृह उद्योग को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मतलब बदलना होगा। शिक्षा सिर्फ सर्टिफिकेट तक सीमित नहीं रहे यह सुनिश्चित करना होगा। अगर हम संपूर्ण बीमारियों के मूल जड़ को देखेंगे तो सबके पीछे पानी और आहार ही कारण है। राज्य के स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करने का समय है। लोगों को पौष्टिक आहार एवं शुद्ध पेयजल मुहैया कराना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। आज झारखंडी विचारधारा सिर्फ एक राजनीतिक स्लोगन बनकर रह गया है। झारखंडी सोच या झारखंडी विचारधारा सिर्फ एक काल्पनिक पूंजी बनकर नहीं रह सकती।
इसे अपने निर्णयों और कार्यक्रमों में परिलक्षित करने की जरुरत है। सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि राज्य निर्माण के इतने वर्षों के बाद भी आंदोलकारियों को सम्मान नहीं मिल सका है। साथ ही पारा शिक्षकों, आंगनबाड़ी कर्मियों एवं अनुबंधकर्मियों के स्थायीकरण का संकल्प लेते हुए कोरोना काल में सहयोग करने वाले सभी कार्यकर्ताओं को नमन किया। विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि आज का दिन उन तमाम शहीदों की शहादत को नमन करने का दिन है जिनके बदौलत झारखंड अलग राज्य का निर्माण हुआ। भय, भूख, भ्रष्टाचार तथा जल, जंगल, जमीन के नाम पर सत्ता में आयी वर्तमान सरकार यह सब भूल चुकी है। 1932 खतियान तथा अनुबंध कर्मियों का स्थायीकरण का मुद्दा सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि आजसू पार्टी झारखंड और झारखण्डियत की लड़ाई लड़ती रहेगी। इस अवसर पर केंद्रीय उपाध्यक्ष हसन अंसारी, केंद्रीय महासचिव राजेंद्र मेहता, आजसू बुद्धिजीवी मंच के केंद्रीय अध्यक्ष डोमन सिंह मुण्डा, महिला केंद्रीय अध्यक्ष वायलेट कच्छप, देवशरण भगत आदि उपस्थित थे।
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