सिटी पोस्ट लाइव :गलवान में भारतीय सैनिकों की शहादत और चीनी सैनिकों के हमले पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सरकार के साथ ज्यादातर दल मजबूती के साथ खड़े नजर आये. इस सर्वदलीय बैठक में 20 दलों को शामिल किया गया था. इनमें से 10 दलों ने खुलकर सरकार का साथ दिया और कहा कि इस वक्त में हम सभी एक हैं. इनमें तृणमूल, जदयू, बीजद जैसे दल शामिल थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने अपनी सेनाओं को कदम उठाने की पूरी छूट दे रखी है. हमारी एक इंच जमीन पर भी कोई नजर नहीं डाल सकता है.
शिवसेना चीफ और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी सरकार में ताकत है कि वह आंखें निकालकर हाथ में दे दे. केवल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार से सवाल किए. प्रधानमंत्री ने इस बैठक में जानकारी देते हुए कहा कि हमारी सीमा में किसी ने घुसपैठ नहीं की और ना ही चीन ने हमारी किसी पोस्ट पर कब्जा किया है. हमारे 20 जवान शहीद हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता को चुनौती दी थी, उन्हें वे सबक सिखाकर गए हैं. उनके शौर्य को पूरा देश याद रखेगा. उनके बलिदान से सभी आहत हैं. यह भावना इस बैठक में भी जाहिर हुई है. जवान तैनात करने हैं, एक्शन लेना है. हमारे देश की रक्षा के लिए सशस्त्र सेनाओं को जल, थल, नभ से जवाब देना है, जो कुछ भी करना है, वो करेंगी. हमारी सेना देश की रक्षा के लिए कसर नहीं छोड़ रही है. आज हमारे पास वह ताकत है कि कोई हमारी एक इंच जमीन पर भी नजर नहीं डाल सकता. भारतीय सशस्त्र सेनाओं के पास आज वह क्षमता है कि वह कई मोर्चों पर एक साथ लड़ सकती हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने जहां एक तरफ सेना को अपने स्तर पर उचित कदम उठाने की छूट दी है. वहीं दूसरी तरफ डिप्लोमैटिक जरियों से भी चीन को अपनी बात दो टूक स्पष्ट कर दी है. भारत शांति और दोस्ती चाहता है, लेकिन अपनी संप्रभुता की रक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है. आप सबने इसी भाव को प्रकट किया है.बीते 5 साल में देश ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए सीमाई इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर जोर दिया है. फाइटर प्लेन, आधुनिक हेलिकॉप्टर, मिसाइल डिफेंस सिस्टम पर भी हमने जोर दिया है. नए इन्फ्रास्ट्रक्चर की वजह से खासकर एलएसी में हमारी निगरानी की क्षमता बढ़ गई है. पेट्रोलिंग की वजह से सतर्कता बढ़ी है. एलएसी पर हो रही गतिविधियों के बारे में भी पता चला है. जिन इलाकों में पहले नजर नहीं रहती थी, वह पर भी हमारे जवान निगरानी और एक्शन ले पा रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक जिनको कोई पूछता नहीं था, कोई रोकता नहीं था, अब हमारे जवान डगर-डगर पर उन्हें रोकते और टोकते हैं. हमारे जवान कठिन परिस्थितियों में तैनात रहते हैं और इन्फ्रास्ट्रक्चर की मदद से उन्हें साजो-सामान पहुंचाने में आसानी होती है. देश और देशवासियों का हित हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. कनेक्टिविटी, काउंटर टेररिज्म हो, भारत ने कभी किसी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं किया. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जो जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण है, उसे इसी तरह तेज गति से किया जाता रहेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी को, सभी राजनीतिक दलों को आश्वस्त करता हूं कि हमारी सेनाएं सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं. हमने उन्हें कार्रवाई की पूरी छूट दी हुई है.आपके सुझाव हमारे लिए फायदेमंद होंगे. आप सभी आगे आए. इससे सेना का मनोबल बढ़ेगा, देश का मनोबल बढ़ेगा और दुनिया को जो संदेश जाना चाहिए, वह पहुंचेगा.
Comments are closed.