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जीतन राम मांझी ने पासवान की तरफ बढ़ाया दोस्ती का हाथ, जानिए क्या है मामला?

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की राजनीति प् पल बदल्र्ही है.नेताओं के चुनावी  मुद्दे और दोस्त दुश्मन सबकुछ हर दिन बदल रहे हैं. कभी एलजेपी सुप्रीमो रामविलास पासवान और हम पार्टी के सुप्रीमो जीतन राम मांझी के बीच छतीस का रिश्ता था लेकिन SC/ST के आरक्षण को लेकर दोनों करीब आते दिखाई दे रहे हैं. अब जीतनराम मांझी को पासवान अच्छे दिखने लगे हैं और तेजस्वी यादव दुश्मन लग्नेलागे हैं. SC/ST की एकता तोड़ने का आरोप लगानेवाले जीतन राम मांझी ने आरक्षण को लेकर्सभी दलों से एकजुट होने के पासवान के आह्वान का मांझी ने स्वागत किया है.

तेजस्वी यादव की उपेक्षा से नाराज मांझी खासे परेशान हैं.यही वजह है कि मांझी इस चुनाव में नए नाव की तलाश में जुट गए हैं.बिहार में विधान सभा चुनाव के पहले आरक्षण का मुद्दा उठने लगा है. दलित विधायकों की गोलबंदी को लेकर मांझी पहले से ही सभी दलों के SC/ST विधायकों-नेताओं का मोर्चा बनाने में जुटे मांझी ने अब रामविलास पासवान को भी अपने मोर्चा में शामिल होने का न्यौता दे दिया है.आरक्षण पर रामविलास पासवान के बयान को मांझी ने लाइक किया है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने रामविलास पासवान के बयान का स्वागत करते हुए कहा कहा है कि देर से ही सही पर दलितों के लिए रामविलास की नींद तो टूटी.पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने अपनी बैठक में रामविलास पासवान को आमंत्रित किया है.जीतन राम मांझी ने कहा कि 22 जून की हमारी बैठक में रामविलास पासवान शामिल होकर हमारे आंदोलन को मजबूत करें.

रामविलास पासवान ने ट्वीट कर लोक जनशक्ति पार्टी सभी राजनीतिक दलों से मांग करती है कि पहले भी आप सभी इस सामाजिक मुद्दे पर साथ देते रहे हैं, फिर से इकठ्ठा हों. बार बार आरक्षण पर उठने वाले विवाद को खत्म करने के लिए आरक्षण संबंधी सभी कानूनों को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए मिलकर प्रयास करें.

गौरतलब है कि बिहार में दलितों को आरक्षण को लेकर सियासत तेज हो गई है. हर पार्टी अपने हिसाब से दलित वोटरों को साधने में लगी है. लेकिन तेजस्वी यादव ने पहले ही अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया है कि दलितों के आरक्षण लड़ाई को किसी के बैनर तले नहीं बल्कि खुद लड़ाई लड़ेंगे. यही नहीं राजद के विधायकों ने तो लोजपा समेत अन्य दलों के दलित विधायकों को तेजस्वी का नेतृत्व स्वीकार करने का न्यौता भी दे दिया था. मांझी इतने नाराज हुए किउन्होंने तेजस्वी यादव पर वोट बैंक की राजनीति करने और SC/ST की एकता को तोड़ने तक का आरोप लगा दिया.

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