सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कहा है कि मोदी-2 सरकार का एक वर्ष पूरी तरह पूंजीपतियों को समर्पित रहा। सरकार ने कोरोना संकट में देश के मजदूरों को भगवान भरोसे छोड़ दिया, जिससे उनकी मौतें हुई। झामुमो के प्रदेश प्रवक्ता डॉ तनुज खत्री ने शनिवार को कहा कि कोरोना संकट का इस्तेमाल सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों का कर्जा माफ करने के लिए किया। सरकार ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का सब्जबाग देश को दिखाया, लेकिन यह राहत पैकेज नहीं कर्जा पैकेज निकला।
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उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नाकामियां अब देश के सामने आ रही है। पार्टी चाहे जितना झूठ बोले और अपने कार्यों का बखान करे पर सच्चाई यही है कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है। तनुज ने कहा कि जब से मोदी सरकार सत्ता में आयी है, तब से इसका पूरा ध्यान भावनात्मक मुद्दों में देश को उलझाकर सरकारी संस्थाओं के निजीकरण का रहा। इसका परिणाम पूरा देश भुगत रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के नाम पर उनकी जीविका छीनी जा रही है। कोरोना संकट में बेतरतीब तरीके से देश में लॉक डाउन करके मोदी सरकार ने जहां मजदूरों की परेशानी बढ़ायी, वहीं श्रम कानूनों में संशोधन करने उनके अधिकारों पर कुठाराघात किया। उनके काम के घंटे आठ से बढ़ाकर बारह किये। सरकार के अचानक लॉक डाउन घोषित किये जाने से 12 करोड़ से अधिक लोगों ने अपनी जीविका खो दी। इनमें से नौ करोड़ से अधिक छोटे कारोबारी और मजदूर हैं।
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