दिल्ली सरकार कोरोना टेस्टिंग छोड़कर राजनीति पर ध्यान दे रही है : आदेश गुप्ता
केजरीवाल सरकार बताए कि भविष्य में टेस्टिंग बढ़ाने के लिए उनका क्या प्लान है
सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना मरीजों का आंकड़ा कम करने के लिए केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता को मौत के मुंह में धकेल रही है। दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल को घेरते हुए कहा कि दिल्ली में स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। देशभर में रोजाना आ रहे कोरोना मरीजों में 11 प्रतिशत दिल्ली से हैं, जबकि दिल्ली में टेस्टिंग सिर्फ 6 प्रतिशत लोगों की हो रही है। केंद्र सरकार बार-बार केजरीवाल सरकार को टेस्टिंग बढ़ाने के लिए कह रही है, लेकिन केजरीवाल सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में जिन लोगों की जांच हो रही है उसमें हर 5वां व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है, जबकि पूरे देश में यह आंकड़ा हर 10वें व्यक्ति पर है जोकि बहुत चिंता जनक है। इससे दिल्ली की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार ने शुरुआत में कोरोना का प्रभाव कम करने का दावा करते हुए फाइव टी प्लान लॉन्च किया था। इसमें एक टी का मतलब टेस्टिंग बताया था, लेकिन टेस्टिंग प्रोटोकॉल बदलकर ही टेस्टिंग को कम कर दिया है तो ऐसे में भला कोरोना से बचाव कैसे होगा।
श्री गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर सवाल दागे और कहा कि प्रोटोकॉल नहीं मानने का हवाला देते हुए आठ लैबों में कोरोना टेस्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन प्रतिबंध लगाने से पहले टेस्टिंग की क्या अतिरिक्त व्यवस्था की गई? उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल सरकार बताए कि भविष्य में टेस्टिंग बढ़ाने के लिए उनका क्या प्लान है।
श्री गुप्ता का कहना है कि कोरोनाकाल में जहां व्यवस्था को सुधारने पर काम होना चाहिए वहीं केजरीवाल सरकार सिर्फ राजनीति कर रही है। अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए देश के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान आरएमएल पर उंगली उठा रही है। उनका कहना है कि चिकित्सा संस्थानों पर इस तरह उंगली उठाना हमारे कोरोना वॉरियर्स का अपमान करने जैसा है। केजरीवाल सरकार को राजनीति से ऊपर उठकर दिल्ली की जनता की भलाई के लिए काम करना चाहिए। श्री गुप्ता ने कहा बेड की उपलब्धता बताने के लिए लॉन्च किया गया ऐप अभी भी ठीक जानकारी नहीं दे रहा है। ऐप पर बताया जाता है बेड खाली हैं जब मरीज पहुंचता है तो पता चलता है कि बेड फुल हैं, जिससे कि मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा है।
दिल्ली से द्विवेदी अरविन्द चन्दन की रिपोर्ट
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