सिटी पोस्ट लाइव : एससी एसटी आरक्षण का मुद्दा अब गरमाने लगा है.विधान सभा चुनाव के पहले सभी दल इस मुद्दे को भुनाने में जुटे हैं.आज हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी के घर पर सभी दलों के ओबीसी नेताओं की बैठक बुलाई गई थी. ठीक उसी समय आज ही के दिन राबडी देबी के आवास पर भी ओबीसी नेताओं-विधायकों को इस मुद्दे पर विचार विमर्श के लिए बुलाया गया था.अब सवाल उठ रहा है कि ओबीसी आरक्षण को लेकर विपक्षी एकता का दावा करनेवाले महागठबंधन के घटक दल अलग अलग क्यों बैठकें एक ही दिन आयोजित कर दिया.
आज ये बात साफ़ हो गई कि ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर एकजुटता दिखाते हुए लड़ाई की शुरुआत करने वाले बिहार के दलित विधायक अब बट गए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और जेडीयू नेता श्याम रजक के नेतृत्व में जिन दलित विधायकों ने आरक्षण के मुद्दे पर संघर्ष का ऐलान किया था अब वह पार्टी लाइन पर अलग हो गए हैं.जीतन राम मांझी के आवास पर आज दलित विधायकों की बैठक बुलाई गई थी. लेकिन आरजेडी कोटे के दलित विधायक मांझी की बजाय तेजस्वी यादव के साथ बैठक करते नजर आए. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर आवास पर तेजस्वी यादव की मौजूदगी में दलित विधायकों की बैठक हुई.
इस बैठक में आरक्षण को बचाए रखने के लिए रणनीति भी बनी लेकिन आरजेडी के विधायक मांझी जी के आवास पर नहीं पहुंचे.माना जा रहा है कि जीतन राम मांझी भले ही महागठबंधन में शामिल हो लेकिन तेजस्वी यादव विधानसभा चुनाव के पहले उन को अलग-थलग कर देना चाहते हैं. मांझी दलित विधायकों की एकजुटता के बहाने अपनी उपयोगिता साबित करना चाहते हैं.भले तेजस्वी यादव को ये लगता है कि उन्होंने मांझी की हवा निकाल दी है लेकिन सबसे ज्यादा हवा महागठबंधन की निकली है.आपस में चल रही खटपट अब लड़ाई में बदल गई है.
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