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हाईकोर्ट का फैसला : शादी का झूठा वादा करके शारीरिक संबंध बनाना रेप नहीं

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सिटी पोस्ट लाइव : शादी का झूठा वादा करके शारीरिक संबंध कायम करना अब रेप नहीं माना जाएगा.ओडिशा हाईकोर्ट ने शनिवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान यह बड़ा फैसला सुनाया है.कोर्ट ने कहा कि शादी का झूठा वादा करके यौन संबंध बनाना रेप (Rape) नहीं है. हाईकोर्ट ने यह फैसला निचली अदालत के आदेश के खिलाफ जाकर सुनाया है. निचली अदालत ने इस मामले में एक युवक को 19 साल की लड़की का रेप करने के आरोप में गिरफ्तार करने का आदेश दिया था.मौजूदा कानून के मुताबिक, अगर कोई शख्स यौन संबंध यौन संबंध शादी का झूठा वादा करके किसी महिला के साथ यौन संबंध बनाता है तो यह रेप के दायरे में आता है.

जस्टिस एस.के. पाणीग्रही ने अपने फैसले में कहा, “बलात्कार कानूनों का उपयोग अंतरंग संबंधों (इंटीमेट रिलेशनशिप) को नियंत्रित (रेगुलेट) करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. खासतौर पर उन मामलों में जहां महिलाएं अपनी पसंद से रिश्ते में आती हैं.”हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि ‘अधिकतर शिकायतें सामाजिक रूप से वंचित और समाज के गरीब तबकों व ग्रामीण इलाकों से आती हैं, जिन्हें अक्सर शादी के झूठे वादे करके पुरुषों द्वारा सेक्स का लालच दिया जाता है और फिर गर्भवती होने के बाद उन्हें छोड़ देते हैं.’जस्टिस पाणीग्रही ने इस मामले में आरोपी जी. अच्युत कुमार को जमानत दे दी. दरअसल, साल 2019 में 19 साल की एक लड़की से रेप के आरोप में अच्युत को हाल ही में गिरफ्तार किया गया था.

इस मामले में लड़की का आरोप था कि जब वो दो बार गर्भवती हुई, तो अच्युत ने उसे कुछ दवाइयां दीं और गर्भ को गिरा दिया. कोरापुट जिले में लड़की ने पिछले साल 27 नवंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर अच्युत को गिरफ्तार किया था. अच्युत ने बाद में जमानत के लिए कोरापुट-ज्योपुर के विशेष सत्र जज की अदालत में याचिका दाखिल की थी जो खारिज हो गई और तब से अच्युत पुलिस की हिरासत में है.

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