सिटी पोस्ट लाइव : अबतक बिहार में दस लाख से ज्यादा प्रवासी दूसरे राज्यों से बिहार आ चुके हैं.लेकिन आज शनिवार से बिहार सरकार की चुनौती बढ़ने वाली है. आज से 120 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों (Labor Special Train) के बिहार (Bihar) पहुंचने का सिलसिला हो गया है. इन ट्रेनों के जरिए शनिवार को 1,80,000 से अधिक श्रमिक बिहार पहुंचेंगे. श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की संख्या में लगातार वृद्धि की जा रही है. इसका मकसद है कि जो भी बिहार आना चाहते हैं, उन्हें जल्द बुलाया जा सके. सरकार का मानना है कि जितनी देर तक लोग आते रहेंगे कोरोना का संक्रमण फैलने की आशंका और बढ़ेगी, इसलिए ट्रेनों की संख्या में लगातार वृद्धि की जा रही है.
22 मई तक 678 ट्रेनें श्रमिकों को लेकर बिहार पहुंच चुकी हैं और अगर शनिवार को आने वाली 120 ट्रेनों का आकड़ा इसमें जोड़ दें, तो अब तक कुल 798 ट्रेनें बिहार पहुंच चुकी हैं. यानी इन ट्रेनों के ज़रिए अब तक 10 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर बिहार आ चुके हैं और धीरे-धीरे ट्रेनों की तादाद बढ़ती जा रही है. एक आंकलन के हिसाब से ये माना जा रहा है कि बिहार के बाहर काम करने वाले प्रवासी मजदूरों में से तक़रीबन 25 लाख की संख्या में प्रवासी मज़दूर बिहार आएंगे. मुख्यमंत्री ने भी ये कह दिया है की जो भी श्रमिक बिहार आना चाह रहे हैं, उन सबको बिहार लाया जाएगा. इसी लिए मज़दूरों को लाने के लिए ट्रेनों की तादाद में लगातार इज़ाफ़ा किया जा रहा है.
बिहार में हर रोज़ आ रहे लाखों मजदूरों को देखते हुए राज्य सरकार के आग्रह पर रेलवे 26 पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन कर रही है. मजदूरों को लेकर एक जिले से दूसरे जिले तक जाती हैं. अंतर जिला चलने वाली ट्रेनों में बरौनी, बेतिया, बक्सर, दानापुर, जलालपुर, कर्मनाशा, कटिहार, मधुबनी, सीवान और सुपौल स्टेशन से विभिन्न जिलों के लिए ट्रेनें चलाई जा रही हैं.
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