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सहरसा जिले की हरियाली खत्म, रेड जोन बनने की राह पर, अभीतक नौ कोरोना पॉजेटिव मिले

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सहरसा जिले की हरियाली खत्म, रेड जोन बनने की राह पर, अभीतक नौ कोरोना पॉजेटिव मिले

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के 37 जिलों की हरियाली खत्म हो चुकी है। सिर्फ जमुई जिला अभी तक कोरोना के आतंक से बचा हुआ है ।हांलांकि तमाम दुआओं के बाद भी, जमुई जिला की हरियाली को लंबे समय तक बरकरार रखना नामुमकिन है। बिहार सरकार के डोर टू डोर स्क्रीनिंग प्रोग्राम महज खानापूर्ति और कम्प्यूटर डाटा की शोभा बढ़ाने वाले हैं। बिहार के किसी भी जिले में सही तरीके से स्क्रीनिंग नहीं कराया जाना, सरकार की पूरी विफलता है। इधर सहरसा जिला लंबे समय से कोरोना संक्रमित मरीजों से मुक्त था लेकिन कोरोना ने इस जिले में 8 मई को कोरोना ने दस्तक दी, जिसमें दो कोरोना संक्रमित पाए गए।

लेकिन आज संक्रमितों की संख्यां बढ़कर 9 पर पहुँच गयी है । दीगर बात है कि ये तमाम संक्रमित मुंबई से वापिस बिहार आने वाले हैं ।ये मदरसे के बच्चे हैं। यहाँ बड़ा सवाल यह है कि इन बच्चों की हिस्ट्री लेने कोशिश, किनकी तरफ से की जा रही है ? क्यों सोए हुए हैं,सहरसा के अधिकारी ? सूत्रों से हमें जो जानकारी मिली है,उसके मुताबिक महाराष्ट्र के तकरीबन सभी मदरसों में तबलीगी जमात के धर्म-प्रचारक पहुँचे थे ।कयास यह लगाया जा रहा है कि यह संक्रमण उन्हीं जमातियों की वजह से फैला है ।आखिर बिहार सरकार,सहरसा के अधिकारियों को इन संक्रमित मरीजन से पूरी जानकारी हासिल करने के लिए ठोस निर्देश क्यों नहीं दे रही है ?बगल के जिले मधेपुरा में भी संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9 हो गयी है जबकि सुपौल में अभीतक 1 कोरोना पॉजेटिव का केस सामने आया है ।

सहरसा में कोरोना पॉजिटिवों में ज्यादातर कम उम्र के बच्चे हैं और यह साफ हो चुका है कि इनके ताल्लुकात मदरसे से हैं ।जहाँ तक पुलिस-प्रशासन की तैयारी की बात है,तो जो सतर्कता और तेजी बरतनी चाहिए,इसमें सभी फेल नजर आ रहे हैं ।संक्रमित इलाकों को ठीक से सील भी करना भी, इस जिले में टेढ़ी खीर साबित हो रही है ।लोगों को इस संक्रमण से बचने के लिए, संक्रमितों के स्वजन-परिजन और पड़ोसियों को भी शख्त हिदायत नहीं दी जा रही है ।सारा कुछ भगवान भरोसे है ।जहाँतक भगवान का सवाल है,तो वे अब कोरोना को लेकर तटस्थ दिख रहे हैं ।

भगवान ने लोगों को उनके कर्मों के अनुसार, फल के लिए छोड़ दिया है ।हमें तो इस बात पर बेहद आश्चर्य हो रहा है कि इस वैश्विक संकट की घड़ी में सरकार और विरोधी पार्टियाँ अपने-अपने राजनीतिक लाभ के अनुसार काम करते दिख रहे हैं ।ना तो सरकार और ना ही विपक्ष पूर्वाग्रह से मुक्त और पारदर्शी होकर अपनी-अपनी जिम्मेवारी निभा रहे हैं ।सभी को अपनी-अपनी पड़ी है ।यह सोचना जरूरी है कि कोरोना से बचने के बाद ही,राजनीति या फिर कोई भी काम किया जा सकेगा ?राजनीति की बाजीगिरी और चौसर से जनता को ठगने और उल्लू बनाने की परिपाटी को यह बदलने का समय है ।अगर आप सभी खुद से नहीं बदल सके,तो कोरोना आप सभी को जरूर बदलने की कोशिश करेगा ।

सिटी पोस्ट के मैनेजिंग एडिटर मुकेश कुमार सिंह

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