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कैसे बिहार के गरीबों को मिलेगा अनाज, केंद्र ने खारिज कर दी है सरकार की मांग.

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कैसे बिहार के गरीबों को मिलेगा अनाज, केंद्र ने खारिज कर दी है सरकार की मांग.

सिटी पोस्ट लाइव  : लॉक डाउन में फंसे बिहार के गरीब लोगों को कबतक बिहार सरकार अनाज दे पायेगी? ये सवाल अब इसलिए ज्यादा लाजिमी हो गया है क्योंकि राशन को लेकर बिहार सरकार और केंद्र सरकार के बीच ठन गई है.अभीतक तो रामविलास पासवान के पुत्र  चिराग पासवान और बिहार सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री के बीच ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा था.लेकिन अब खुद रामविलास पासवान सामने आ गए हैं.केंद्र सरकार और  बिहार सरकार के बीच जारी इस लड़ाई की वजह से गरीबो को राशन देने का मामला अटक गया है.

इस मामले को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने हो गए हैं. इसकी वजह से बिना कार्ड वाले गरीबो को अनाज मिलना मुश्किल हो गया है. केन्द्रीय मंत्री रामबिलास पासवान ने बिहार की ओर से दिए गए डाटा को खारिज कर दिया है. उन्होंने 30 लाख परिवारों के डाटा को खारिज कर दिया है.उन्होंने कहा है कि बिहार के खाद्य मंत्री ने 2021 की औपबंधिक जनसंख्या के आधार पर 150 लाख नए लाभुकों के लिए 75हज़ार टन अनाज के आवंटन की मांग की है. जबकि पहले ही 2011 की जनगणना के अनुसार 14.04 लाख लाभुक कम है. उनकी पहचान नहीं हुई है. उन्होंने यह भी कहा की 3 अप्रैल को बिहार सरकार ने 7.37 लाख लाभुकों के लिए प्रधानमन्त्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त अनाज का अनुरोध किया. जिसे 22 अप्रैल को मंजूरी दे दी गयी और अतिरिक्त 3688 टन अनाज आवंटित भी किया जा चूका है. लेकिन अभी तक लाभुको की सूचि एनएफएसए पोर्टल पर नहीं डाली गयी है.

लेकिन  बिहार के खाद्य उपभोक्ता मंत्री मदन सहनी का कहना है कि बिहार सरकार का डाटा पूरी तरह सही है. आंकड़े को दो स्तर पर जुटाया गया है. उन्होंने कहा की अगला जनगणना 2021 में होना है, तो क्या उस समय गरीबो को राशन नही मिलेगा. सहनी ने कहा की पहले किसे पता था कि जनगणना से पहले कोरोना आ जायेगा. उन्होंने प्रधानमन्त्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.

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