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लॉकडाउन के बीच हैदराबाद से रांची के लिए खुली पहली विशेष ट्रेन

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लॉकडाउन के बीच हैदराबाद से रांची के लिए खुली पहली विशेष ट्रेन

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: कोरोना वायरस को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के बीच हैदराबाद से रांची के लिए शुक्रवार सुबह पांच बजे के लिए विशेष ट्रेन खुली। हैदराबाद के लिंगमपल्ली स्टेशन से करीब 1200 कामगारों को लेकर यह ट्रेन रात करीब 11 बजे रांची के हटिया स्टेशन पहुंचेगी।  मुख्यमंत्री  ने कहा है कि झारखंड के वे सभी लोग जो किन्ही वजहों से दूसरे राज्यों में फंसे हैं उनको वापस अपने राज्य में लाने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के बाहर रहने वाले चाहे छात्र हो, मजदूर हो या फिर इलाज कराने गए लोग हो। सभी को वापस लाया जाएगा इसके लिए यदि हवाई सेवा की भी जरूरत होगी तो इसका इस्तेमाल किया जाएगा। विशेष ट्रेन के रांची पहुंचने की सूचना मिलते ही हटिया स्टेशन को सेनेटाइज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। स्टेशन पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की भी प्रतिनियुक्ति की गयी है, ताकि रात में करीब 1200 कामगारों के रांची पहुंचने पर किसी तरह की अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न न हो।  हटिया स्टेशन पर बैरिकेटिंग की भी व्यवस्था की गयी है, मास्क, सैनिटाइजर, पानी, ध्वनि विस्तारक यंत्र और अन्य आवश्यक उपकरणों की भी व्यवस्था की गयी है।

एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि विशेष ट्रेन से रांची पहुंचने वाले सभी यात्रियों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए बाहर निकलने की अपील की जाएगी, वहीं स्टेशन के बाहर उनके लिए यात्री बसें मौजूद रहेगी, जिसके कारण से उन्हें संबंधित जिलों के क्वारंटाइन सेंटर में ले जाया जाएगा। वहीं बाहर से आने वाले लोगों के लिए भोजन-पानी के पैकेट की भी व्यवस्था की गयी है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि उन्हें सूचना मिली है कि हैदराबाद से आने वाले 1200 कामगार राज्य के विभिन्न जिलों के अलावा पड़ोसी राज्य बिहार के रहने वाले है। इन्हें देवघर, बोकारो, दुमका, गोड्डा समेत अन्य जिलों में ले जाने के लिए पर्याप्त संख्या में यात्री बस का इंतजाम किया गया है, जिसके माध्यम से सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए उन्हें संबंधित जिलों के क्वारंटाइन सेंटर में ले जाया जाएगा और 14 दिनों तक वहां रहने के बाद ही उन्हें अपने घर जाने की अनुमति दी जाएगी।  इसके अलावा रेलवे की ओर से कई बोगियों को आइसोलेशन वार्ड के रूप में भी परिवर्त्तित किया गया है।

इधर, साहेबगंज, धनबाद समेत विभिन्न जिलों से यात्री बसों को भेज कर पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों-छात्र छात्राओं को वापस लाने का काम भी प्रारंभ हो गया है। वहीं विभिन्न जिला प्रशासन की ओर से सभी बस मालिकों को यह निर्देश दिया गया है कि वे यात्री वाहनों को जिला कोषांग में जमा कराएं, इन वाहनों की मदद से बाहर में फंसे लोगों को लाया जाएगा। जिला प्रशासन की ओर से वाहनों को सैनिटाइज करने के लिए भी विशेष इंतजाम किये गये है, वहीं बाहर से आने वाले लोगों के लिए खाने-पीने की सुविधा और फिर उन्हें संबंधित क्षेत्र में क्वारंटाइन सेंटर में रखने के लिए भी आवश्यक इंतजाम किये गये है।

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