ट्रायल तक दी जा सकती है अग्रिम जमानत – सुप्रीम कोर्ट, आज की 5 बड़ी खबरें……

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ट्रायल तक दी जा सकती है अग्रिम जमानत – सुप्रीम कोर्ट, आज की 5 बड़ी खबरें……

1.

कन्हैया कुमार को जन-गण-मन यात्रा से पहले पुलिस ने हिरासत में लिया.

सिटी पोस्ट लाइव :वामपंथी नेता और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को बिहार के चंपारण में पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.ट्विटर पर कन्हैया कुमार ने यह जानकारी साझा की है. उन्होंने लिखा है, “आज बापू-धाम (चंपारण) में गांधीजी को नमन करके ग़रीब-विरोधी CAA-NRC-NPR के विरोध में एक महीने की जन-गण-मन यात्रा की शुरूआत होनी थी. समाज के सभी तबक़ों के लोग इस यात्रा में शामिल होने के लिए मौजूद थे, लेकिन प्रशासन ने कुछ देर पहले सबको हिरासत में ले लिया है.”

बुधवार को कन्हैया कुमार ने बताया था कि ‘वे एक महीने लंबी जन-गण-मन यात्रा करने वाले हैं जो बिहार के लगभग सभी प्रमुख शहरों से गुज़रेगी और इस दौरान क़रीब 50 सभाएँ होंगी’.कन्हैया कुमार ने नारा दिया था, “सुनलो ओ जुमला सरकार, देश की जनता करे पुकार, नहीं चलेगा CAA-NRC-NPR, हमें चाहिए शिक्षा-रोजगार”.कन्हैया कुमार की रैली में शामिल हुए लोगों ने उनकी हिरासत के विरोध में भितिहरवा के गांधी आश्रम के बाहर शांतिपूर्ण धरना शुरू कर दिया है.

2.

मोदी और गोडसे की विचारधारा एकः राहुल गांधी

सिटी पोस्ट लाइव :कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि नाथूराम गोडसे और नरेंद्र मोदी एक ही विचारधारा में विश्वास करते हैं.केरल में अपनी संसदीय सीट वायनाड में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “दोनों में कोई अंतर नहीं है, सिवाय इसके ​कि नरेंद्र मोदी को यह कहने की हिम्मत नहीं है कि वह गोडसे में विश्वास करते हैं.”

राहुल गांधी, वायनाड में रैली को संबोधित करते हुए: ​​नाथूराम गोडसे और नरेंद्र मोदी एक ही विचारधारा में विश्वास करते हैं, उनमें कोई अंतर नहीं है। सिवाय इसके ​कि नरेंद्र मोदी को यह कहने की हिम्मत नहीं है कि वह गोडसे में विश्वास करते हैं।उन्होंने साथ ही कहा, नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को इसलिए गोली मारी क्योंकि उसे ख़ुद पर विश्वास नहीं था, वो किसी से प्यार नहीं करता था, उसे किसी की परवाह नहीं थी, वो किसी को नहीं मानता था, और वही हाल हमारे प्रधानमंत्री का है, जो केवल ख़ुद से प्यार करते हैं, केवल ख़ुद पर भरोसा करते हैं.”

3.

ट्रेन में अभद्रता पर भी लग सकती है पाबंदी.

सिटी पोस्ट लाइव : भारतीय रेलवे विशेषज्ञों से सलाह ले रही है कि क्या विमान में अभद्र व्यवहार करने के बाद पाबंदी लगाए जाने की तर्ज पर भारतीय रेलों में भी ऐसा करने पर पाबंदी लगाई जा सकती है.अख़बार ने रेलवे सूत्रों के हवाले से लिखा है कि जिन लोगों पर एयरलाइंस ने बैन लगाया है, उन्हें ट्रेनों में सफ़र करने से भी रोका जा सकता है. ऐसे यात्रियों का डेटा एयरलाइंस से लिया जाएगा.

साथ ही अगर यात्री ट्वीट कर सहयात्री की शिकायत करते हैं और वो वो सही पाई जाती है तो उस आधार पर भी प्रतिबंध लग सकता है.अख़बार के अनुसार पहली ग़लती पर कितना प्रतिबंध लगेगा और बार-बार अभद्रता का दोषी पाए जाने पर क्या कार्रवाई होगी, ये तय करने के लिए रेलव एक कमिटी या सिस्टम बनाएगी.हाल ही में यूट्यूबर कुनाल कामरा के पत्रकार अर्नब गोस्वामी के साथ विमान में अभद्र व्यवहार करने के मामला सामने आया था.इसके बाद कामरा को छह महीने के लिए विमान में यात्रा करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है.

4.

भारत की पहली महिला पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी.

सिटी पोस्ट लाइव :भारत की महिला फुटबॉल टीम में फॉरवर्ड पोजिशन पर खेलने वालीं बाला देवी ने भारत की पहली महिला पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी बनने का मुक़ाम हासिल किया है.29 वर्षीय बाला देवी ने स्कॉटिश क्लब रेंजर्स एफसी के साथ 18 महीने के करार पर हस्ताक्षर किए हैं.

मणिपुर पुलिस स्पोर्ट्स क्लब के लिए खेलने वालीं बाला देवी को रेंजर्स एफसी के लिए खेलने से पहले इंटरनेशनल क्लियरेंस से गुजरना होगा.लेकिन बाला देवी ने अपने चयन पर खुशी जताते हुए कहा है, “मैं एमी मेकडॉनल्ड, कोचिंग स्टाफ़ और रेंजर्स एफसी के पूरी प्रबंधकीय टीम की शुक्रगुज़ार हूं कि उन्होंने मुझमें अपना विश्वास जताया. और ये बेंग्लुरू एफसी के बिना संभव नहीं हो पाता क्योंकि उनका इस सफलता में एक बड़ा योगदान है.”

5.

ट्रायल तक दी जा सकती है अग्रिम जमानत – सुप्रीम कोर्ट.

सिटी पोस्ट लाइव :सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अग्रिम जमानत दिए जाने की प्रक्रिया पर कहा है कि किसी व्यक्ति को किसी मामले में ट्रायल ख़त्म होने तक अग्रिम जमानत दी जा सकती है.अंग्रेजी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक़, सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने एक मत से अपना फ़ैसला सुनाते हुए कहा है कि गिरफ़्तारी से राहत किसी निश्चित समय तक नहीं बल्कि दोषी सिद्ध होने तक दी जानी चाहिए.कोर्ट ने कहा है कि अग्रिम जमानत देना अदालत का विशेषाधिकार है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता.

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