शक्ति पीठ आस्था व विश्वास का प्रमुख केंद्र, पूरी होती हैं मनोकामनाएं

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शक्ति पीठ आस्था व विश्वास का प्रमुख केंद्र, पूरी होती हैं मनोकामनाएं

सिटी पोस्ट लाइव, पाकुड़ : जिला मुख्यालय के शिवपुरी (तलवाडांगा) स्थित महाकाल शक्ति पीठ आस्था व विश्वास का प्रमुख केंद्र है। कोई ढाई दशक पूर्व स्वामी सिद्धार्थ परमहंस ने इस पीठ की स्थापना की थी। न सिर्फ पाकुड़ जिला बल्कि संपूर्ण झारखंड का यह एकमात्र शक्ति पीठ है, जहां 1008 भुजाओं वाली मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा स्थापित है। साथ ही 11 टन वजनी विशाल शिवलिंग भी स्थापित है। 1008 भुजाओं वाली मां दुर्गा की प्रतिमा का दर्शन करने दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं। इस शक्ति पीठ में शारदीय व वासंतिक दोनों नवरात्रों के मौके पर वैदिक रीति रिवाज से विशेष पूजा का अनुष्ठान किया जाता है। स्वामी सिद्धार्थ परमहंस के मुताबिक मां परम्बा परमेश्वरी की प्रेरणा से विश्व कल्याण एवं रक्षार्थ 1008 भुजाओं वाली मां की स्थापना की गई है। इस शक्ति पीठ में माता भगवती की तीन समय आरती व चार समय भोग लगाया जाता है। यहां पूर्ण रूपेण वैष्णव पद्धति से पूजा अर्चना की जाती है। लोगों की मान्यता है कि सच्चे मन से माता के दरबार में मत्था टेकने से माता श्रद्धालुओं की प्रत्येक मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार के तीर्थ व पर्यटन स्थलों की सूची में भी यह शक्ति पीठ शामिल है।

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