लगातार हो रही बारिश से खिल उठे किसानों के चेहरे,फसल हो जाने की उम्मीद जगी
सिटी पोस्ट लाइव : कल तक जेठ- सी चिलचिलाती धूप व बारिश के अभाव में सूखती धान के फसलों को देख मायूस हो गए किसानों के चेहरे गुरूवार की सुबह से लगातार हो रही बारिश से खिल उठे हैं । इस बारिश ने उनमें फसल हो जाने की उम्मीद जगा दी है । उल्लेखनीय है कि बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान ”” तितली ”” का ही असर है कि बुधवार शाम से ही यहाँ बादलों ने डेरा डाल दिया था । उनकी रंगत बता रही थी कि ये बगैर बरसे नहीं जाएँगे । वैसे भी मौसम विभाग ने भी बारिश होने की संभावना जता दी थी ।
उल्लेखनीय है कि तकरीबन एक महीने से पाकुड़ जिले में बारिश नहीं हुई थी । उपर से जेठ सी चिलचिलाती धूप के चलते उपरी इलाके की धान की फसल सूख कर बर्बाद हो गई है । कहीं कहीं कुछ किसानों ने सिंचाई की व्यवस्था भी की लेकिन वह भी कोई खास कारगर साबित न हो सकी । अलबत्ता निचले इलाके में खेती करने वालों को उम्मीद थी कि एक नवरात्रि तक बारिश हो जाए तो फसल अच्छी हो जाएगी । उनकी उम्मीदों को पूरा कर रहा है ”” तितली ””तूफान का असर । किसान गोविंद यादव, शंकर मंडल, सैदुल शेख आदि ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि अब हमें भरोसा हो रहा है कि हमारी बच गई फसल अच्छी हो जाएगी ।
जिला कृषि पदाधिकारी एडमंड मिंज ने बारिश को धान की सूखती फसलों के लिए वरदान साबित होने वाली बताया । साथ ही कहा कि कम से कम तीन दिनों तक ऐसी बारिश हो जाए तो फसल अच्छी हो जाएगी । लेकिन उन्होंने आशंका जताई कि कहीं तेज हवाएँ चली तो फसलें गिरकर बर्बाद भी हो सकती हैं । उन्होंने इस बारिश को रबी फसल के लिए भी लाभदायक बताया ।
बारिश के अभाव में इस बार रोपनी लक्ष्य से काफी कम हो पाई है । पाकुड़ प्रखंड में निर्धारित लक्ष्य 8200 हेक्टेयर के विरुद्ध 5559 तो हिरणपुर में 8000 की जगह 7353, लिटीपाड़ा में 7500 की जगह 6425,अमड़ापाड़ा में 7300 की जगह 5864,महेशपुर में 10000 की जगह 7778तथा पाकुड़िया प्रखंड में 8000 की जगह महज 6820 हेक्टेयर में ही धान की रोपनीकी जा सकी है ।