रणविजय कुमार सिंह के मैदान में उतरने से दिलचस्प हो गया है बडहरा विधान सभा का चुनाव.

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सिटी पोस्ट लाइव :भोजपुर जिला के चितौडगढ़ के नाम से मशहूर बडहरा विधान सभा क्षेत्र की चुनावी लड़ाई इसबार बहुत दिलचस्प होनेवाली है.धान के कटोरा भी इस ईलाके को कहा जाता है. यहाँ आजीविका का सबसे बड़ा साधन कृषि है लेकिन आज भी किसान बदहाल हैं.इस ईलाके के लोगों ने एक से एक जन-प्रतिनिधि चुना लेकिन उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं हो सका.लेकिन इसबार चुनाव मैदान में JDU के प्रत्याशी के रूप में उतरनेवाले इसी ईलाके के नौजवान रणविजय कुमार सिंह का कहना है कि वो राजनीति में पैसा कमाने नहीं आये हैं.उनके राजनीति में आने का मकसद अपनी मिटटी का कर्ज उतारना है.लोगों की सेवा करना है.

रणविजय सिंह को पैसा कमाने के लिए राजनीति में आने की दरकार है भी नहीं.ये राज्य के जानेमाने शिक्षाविद हैं.देश भर में दर्जनों इनके शैक्षणिक संस्थान हैं.अब ये अपने विधान सभा क्षेत्र और जिले में शिक्षा को मुकाम तक पहुंचाना चाहते हैं.अपने ईलाके में अपने क्षेत्र की जनता के लिए केजी कक्षा से लेकर पीजी तक की पढ़ाई के लिए विश्विद्यालय की स्थापना की तैयारी में जुटे हैं.उनका कहना है कि अपने क्षेत्र के ऐसे लोगों को जो अपने बच्चों को उच्च और गुणवतापूर्ण शिक्षा देने के लिए भेजने में आर्थिकरूप से सक्षम नहीं हैं,उनके बच्चों को पढ़ाना और आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का मकसद है.

सबसे ख़ास बात ये है कि रणविजय सिंह अभी भी विधान परिषद् के अध्यक्ष हैं.अभी भी दो साल का कार्य काल बाकी है लेकिन जनता की सेवा करने की ऐसी सनक सवार हुई कि इन्होने चुनाव लड़ने की ठान ली.अभी से अपने क्षेत्र में जन-संपर्क अभियान में जुट गए हैं.गावं-गावं जा रहे हैं.वैसे अपने क्षेत्र के लोगों के लिए ये अनजान नहीं हैं.रणविजय सिंह कहते हैं-“ विधान पार्षद रहते मैंने अपने क्षेत्र और जिले में 300 सड़कें अबतक बनवाई है.जो भी मेरे पास आया है,उसकी हर तरह से मदद की है.जनसेवा की भावना की वजह से ही विधान परिषद् का कार्यकाल दो साल शेष रहने के वावजूद चुनाव मैदान में उतरने का फैसला लिया है.रणविजय सिंह का कहना है कि जनता के बीच से चुनकर विधान सभा जाना और किसी दल की कृपा से या सहयोग से सीधे विधान परिषद् में पहुँचने से ज्यादा मायने रखता है.लोग खुश हैं कि पहलीबार कोई उनके बीच का कोई उनका अपना उम्मीदवार बनकर आया है.

रणविजय सिंह जिस बडहरा विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने जा रहे हैं, वह चितौडगढ़ कहा जाता है.लेकिन रणविजय सिंह का कहना है कि वो अपने क्षेत्र की जनता के बीच मजहब-जात-पात का भेदभाव मिटाकर अपने क्षेत्र के विकास के नाम पर एकसूत्र में बांधना चाहते हैं.अपने क्षेत्र की जनता की वो गोलबंदी चाहते हैं लेकिन जात-पात और मजहब के नाम पर नहीं बल्कि अपने क्षेत्र के विकास के अजेंडे को लेकर गोलबंदी चाहते हैं.

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