सहरसा सिटी पोस्ट लाइव स्पेशल : सहरसा जिला मुख्यालय अभी ना केवल पानी से तर है बल्कि सड़क हो या घर हर तरफ बाढ़ का मंजर है. यह बाढ़ का मंजर कोसी नदी के पानी का नहीं है बल्कि बारिश के पानी का है ।इस जल-जमाव ने लोगों का ना केवल घर से निकलना मुश्किल कर दिया है बल्कि लोगों की जिंदगी की रफ्तार को ब्रेक सा लग गया है ।आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है ।बीते एक दशक से पानी निकासी के लिए डीपीआर तैयार किये जा रहे हैं ।अधिकारियों की इच्छाशक्ति की कमी के कारण आजतक सहरसा में ड्रेनेज सिस्टम पर कोई काम ही नहीं हुआ है ।कहने के लिए सहरसा के नेताओं को विकास पुत्र,बिहार पुत्र,क्रांति पुत्र सहित ना जाने कितने नामों से जाना जाता है लेकिन जमीन पर जनता त्राहिमाम करती है ।बड़बोले मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव के लोकसभा क्षेत्र के अंदर ही सहरसा आता है ।सहरसा के राजद विधायक अरुण कुमार यादव को सहरसा की जनता कभी ठीक से देखी भी नहीं है.उनका ज्यादा समय अपना घर और जमीन संभालने और बचाने में ही जा रहा है ।अभी मानसून का पूरी तरह से आना बांकि है ।जब बारिश के ट्रेलर का यह दृश्य है,तो आगे की फिल्म के दृश्यों का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.
आज जिला मुख्यालय के वार्ड संख्यां 12 के पार्षद राजेश कुमार सिंह और समाजसेवी सह जाप नेता समीर पाठक ने सदर एसडीओ शम्भूनाथ झा के आवास पर जल निकासी करवाने के लिए धरना दे दिया.नतीजतन एसडीओ शम्भूनाथ झा और नगरपरिषद के कार्यपालक पदाधिकारी नीलाभ कृष्ण महाराणा प्रताप चौक पर आए और उनकी देखरेख में महाराणा प्रताप चौक,कोसी चौक और कचहरी ढ़ाला इलाके में चारो तरफ से जमे कमर भर पानी की निकासी जेसीबी मशीन से खुदाई कराकर की गई. वार्ड पार्षद राजेश कुमार सिंह और समीर पाठक ने घंटों खड़े रहकर पानी की निकासी पूरी तरह से कराया ।एसडीओ शम्भूनाथ झा ने कहा कि जल जमाव सहरसा की एक बेहद बड़ी समस्या है ।उन्होनें नगरपरिषद कार्यपालक पदाधिकारी को कई निर्देश दिए हैं. नीलाभ कृष्ण ने कहा कि उनके पास जितने संसाधन हैं,वे सभी को जल निकासी के लिए अपनी मौजूदगी में झोंक देंगे ।वार्ड संख्या 12 के पार्षद ने कहा कि आज हम जिद पर अड़े थे कि पानी की निकासी कराकर ही रहेंगे ।इस जल निकासी से वार्ड संख्यां 11,12 और 13 के लोगों ने राहत की सांस ली है ।अगर उनका बस चलता तो वे शेष 37 वार्डों के लिए भी मुहिम चलाते ।वाकई वार्ड पार्षद राजेश कुमार सिंह और समाजसेवी समीर पाठक का यह काम काबिले तारीफ है.
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जल जमाव का असली समाधान कब और कैसे होगा ? शेष 37 वार्डों के प्रति अधिकारी आगे कितने गंभीर होते हैं ?उनसभी वार्डों के पार्षद जनहित के लिए आवाज क्यों नहीं उठा रहे हैं ? जो भी हो आज तीन वार्डों के लोगों ने राहत की लंबी सांस ली है.
सहरसा से पीटीएन मीडिया न्यूज ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की स्पेशल रिपोर्ट.