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क्रोध,अहंकार और गरीबी रूपी रावण का हम लोग दहन करें: रघुवर दास

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क्रोध,अहंकार और गरीबी रूपी रावण का हम लोग दहन करें: रघुवर दास

सिटी पोस्ट लाइव, रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आइए विजयादशमी के शुभ अवसर पर यह संकल्प ले की क्रोध,अहंकार, गंदगी, भ्रष्टाचार और गरीबी रूपी रावण का हम लोग दहन करेंगे। देश और समाज को तोड़ने वाली शक्तियों को हराकर एक समरस समाज का निर्माण करेंगे। न्यू इंडिया और न्यू झारखंड बनाने में अपना योगदान देंगे। उक्त बातें शुक्रवार को श्री दास ने राजधानी रांची के मोराबादी मैदान में पंजाबी हिंदू बिरादरी की ओर से आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आज का दिन एक विजय दिवस की तरह है उन्होंने मां दुर्गा को शक्ति की माता बताते हुए कहा कि इस दिन असत्य पर सत्य की जीत या कहे तो विजय प्राप्त हुआ था। इसके साथ-साथ उन्होंने भारतीय संस्कृति और वीर पुरुषों की जीवनी पर भी प्रकाश डाला। इससे पहले हेलीकॉप्टर द्वारा पुष्प की वर्षा भी की गई। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर तीर चला कर रावण कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले को जलाया। मौके पर उन्होंने भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण की आरती भी उतारी इसके बाद मुख्यमंत्री ने और घोड़ा चौक के पास भी रावण दहन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कोलकाता से कलाकारों ने एक से बढ़कर एक भक्ति में गानों की प्रस्तुति दी। दुनिया चले ना श्री राम के बिना राम जी चले ना हनुमान के बिना गाने पर मुख्यमंत्री रघुवर दास, मंत्री सीपी सिंह सहित स्टेज पर मौजूद अन्य लोग झूमने पर मजबूर हो गए। रावण दहन कार्यक्रम के दौरान जमकर आतिशबाजी की गई। हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने आतिशबाजी का लुफ्त उठाया। मौके पर डीसी राय महिमापत रे, एसडीएम गरिमा सिंह, राज्य के डीजीपी डी के पांडेय रांची की मेयर सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। गौरतलब है कि पंजाबी हिंदू बिरादरी की ओर से 1955 से मोराबादी मैदान में रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन समिति के गुरविंदर ने बताया कि रावण दहन कार्यक्रम की शुरुआत सन 1948 में हुई थी। 15 अगस्त 1947 में जब देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ तब भारत का विभाजन हिंदुस्तान और पाकिस्तान के रूप में हुआ। तभी पाकिस्तान से आकर रांची में बसने वाले पंजाबी समुदाय द्वारा पहली बार मेन रोड स्थित डाक घर के समीप अपने हाथों से निर्माण कर रावण का पुतला दहन किया गया था। इसके बाद 1950 से 1955 तक रावण के पुतलो का निर्माण रांची रेलवे स्टेशन के समीप स्थित खजूरिया तालाब के पास रिफ्यूजी कैंप में करने के बाद रावण दहन कचहरी रोड स्थित टाउन हॉल के समीप बारी पार्क में किया जाता था। 

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