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झारखण्ड में नक्सली राज के लिए जारी है संघर्ष, पुलिस के जवानों को मुक्त कराने पहुंची सेना

आमने सामने रैफ और पथलगड़ी  समर्थक 1 / 2आमने सामने रैफ और पथलगड़ी समर्थक

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सिटी पोस्ट लाईव : झारखण्ड में नक्सली राज की स्थापना के लिए संघर्ष जारी है.पत्थलगड़ी  आन्दोलन के बहाने नक्सलियों का  समानांतर सत्ता स्थापित करने की मुहीम भयंकर रूप धारण कर चुकी है. ईन दिनों पत्थलगड़ी की मुहिम छिड़ी हुई है. यहां ग्रामसभाओं में आदिवासी पत्थलगड़ी के माध्यम से स्वशासन की मांग कर रहे हैं. कई गांवों में आदिवासी, पत्थलगड़ी कर ‘अपना शासन, अपनी हुकूमत’ की मांग कर रहे हैं. सिर्फ इताना ही नहीं ग्राम सभाएं अब  फरमान तक जारी करने लगी है. अपने इस मुहीम के तहत कई गांवों में पुलिस वालों को घंटों बंधक बना चुके हैं . अब बीजेपी के सांसद करिया मुंडा के घर पर हमला कर अगवा किये गए तीन पुलिसकर्मियों को छुडाने के लिए सेना और ग्रामीणों के बीच हिंसक संघर्ष जारी है.

अगवा किये गए जवानों को छुडाने के लिए  झारखंड के खूंटी के घाघरा गांव में रैफ के जवान पहुँच चुके हैं, जवानों के गांव में पहुँचते ही पत्थलगड़ी समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया.  भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने रबर बुलेट और आंसूगैस के गोले छोड़े. इसके बाद पथलगड़ी समर्थक पीछे हटे गए. साथ ही पुलिस ने घाघरा गांव को खाली करा दिया है. उधर, अगवा तीनों जवान अभी तक पथलगड़ी समर्थकों के कब्जे में हैं. अगवा पुलिसकर्मियों में सुबोध कुजूर, विनोद केरकेट्टा और सियोन सुरीन शामिल हैं. हमलावरों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं. सभी लोग तीर-धनुष, टांगी-फरसा और लाठी आदि पारंपरिक हथियारों से लैस थे. गौरतलब है कि  झारखंड के खूंटी में पत्थलगड़ी समर्थकों ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के सांसद करिया मुंडा के तीन अंगरक्षकों का अपहरण कर लिया था.

कड़िया मुंडा और उनके पुत्र अभी दिल्ली में हैं, जबकि बहू आवास के अंदर थी. हमलावरों ने कड़िया मुंडा के परिजनों अथवा आसपास के ग्रामीणों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया. हमले के समय आवास में तैनात अंगरक्षक बैजू उरांव ने आवास का ग्रिल बंद कर लिया था जिसके कारण पत्थलगड़ी समर्थक आवास के अंदर नहीं पहुंच सके. पत्थलगड़ी समर्थकों का आतंक इतना ज्यादा है कि शाम के पांच बजे तक पुलिस कड़िया मुंडा के आवास पर नहीं पहुंची थी, जबकि खूंटी जिला मुख्यालय से चांडडीह की दूरी मात्र छह किलोमीटर है. शाम पांच बजे के बाद पुलिस बल बड़ी संख्या में चांडडीह के लिए रवाना हुआ. पुलिस बल के साथ खूंटी के उपायुक्त और एसपी भी शामिल थे.

सांसद व पूर्व लोकसभा उपाध्‍यक्ष कड़िया मुंडा की भाभी चीरेश्वरी देवी ने बताया कि हमले के समय तीनों जवान सादे पोशाक में घर के बाहर बैठे थे. हमलावर उन्हें घसीटते हुए ले गये. उन्होंने हथियार ले जाते हुए नहीं देखा. लेकिन कड़िया मुंडा के अंगरक्षक बैजू उरांव ने बताया कि जवानों के कमरे में पांच इंसास राइफलें थीं. इनमें से केवल एक ही राइफल बची हुई है. इसका मतलब है कि चार इंसास राइफल पत्थलगड़ी समर्थक लूटकर ले गये हैं. बैजू उरांव ने हमले के बाद इसकी सूचना पुलिस को दी. वहां से लगभग साढ़े तीन किलोमीटर दूर घाघरा गांव में पत्थलगड़ी के बाद सभा चल रही थी. गांव में चर्चा थी कि पत्थलगड़ी समर्थकों ने अगवा जवानों को घाघरा गांव के सभास्थल के पास ही बैठा कर रखा था.

मंगलवार को खूंटी प्रखंड के ही घाघरा गांव में पत्थलगड़ी होने वाली थी. इस कार्यक्रम में पत्थलगड़ी समर्थकों के नेता युसुफ पूर्ति और जॉन जुनास तिड़ू को भी भाग लेना था. इस कार्यक्रम को रोकने और दोनों नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस घाघरा की तरफ रवाना हुई. बीच रास्ते में कड़िया मुंडा का गांव चांडडीह है. वहीं पुलिस की पत्थलगड़ी समर्थकों से भिड़ंत हो गई. पुलिस ने समर्थकों को वापस लौट जाने के लिए कहा, लेकिन समर्थक अड़ गये. जब मान-मनौव्वल काम नहीं आया, तो पुलिस ने पत्थलगड़ी समर्थकों पर लाठी चार्ज कर उन्हें तितर-बितर कर दिया. इसके बाद पुलिस वापस खूंटी लौट आई. इधर वहां पत्थलगड़ी समर्थक फिर से जुटे. वहां उन्हें पता चला कि लाठी चार्ज करने वाला एक पुलिसकर्मी कड़िया मुंडा के घर आया है. उसे खोजते हुए पत्थलगड़ी समर्थक कड़िया मुंडा के आवास पर पहुंचे. इसके बाद वे लोग वहां तैनात पुलिस के जवानों को घसीटते हुए लेकर चले गये.  पत्थलगड़ी समर्थकों के नेता युसुफ पूर्ति से इस मामले में पूछे जाने पर कहा कि वे जवान सुरक्षित हैं और उन्हें ग्रामसभा ने अपनी कस्टडी में लिया है. अब उन्हीं जवानों को छुडाने के लिए सेना जदोजहद कर रही है.

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