सिटी पोस्ट लाइव : 11 मार्च गुरुवार को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी. इस दिन मकर राशि में एक साथ 4 बड़े ग्रह होंगे जिसमें शनि, गुरु, बुध और चंद्रमा शामिल है. हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन विशेष फलकारी धनिष्ठा नक्षत्र होगा. मकर राशि में चंद्रमा के संयोग में भोले भंडारी का अभिषेक पूजन करने से भक्तों को मनोवांछित फल मिलेगा. इस बार त्रयोदशी की उदया तिथि में शिवयोग तो प्रदोष व रात्रि में सिद्घ योग का दुर्लभ संयोग होने से महाशिवरात्रि अपने आप में बेहद खास होगी.
महाशिवरात्रि व्रत का पारण 12 मार्च को किया जाएगा. चारों पहर में बाबा का अलग-अलग अभिषेक किया जाएगा.पं अभिषेक के अनुसार शिवरात्रि शिवतत्व के साथ घनिष्ठ संबन्ध है. भगवान शिव जी के अतिप्रिय रात्रि को शिवरात्रि कहा गया है. शिवार्चन और जागरण ही इस व्रत की विशेषता है.रात भर भक्त जागरण और रुद्राभिषेक करते हैं.महाशिवरात्रि के दिन सुबह 9:25 तक महान कल्याणकारी शिव योग है. ऐसी मान्यता है कि इस योग में किया गया हर शुभ कार्य सफल होता है. तथा शिव योग के बाद सिद्घ योग शुरू हो जाएगा. इस योग में भी कोई कार्य शुरू करके कार्यसिद्घि प्राप्त की जा सकती है.
शिवरात्री के दिन आंशिक काल सर्प योग भी रहेगा. ऐसे अवसर पर जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प योग है, वे इसकी शांति के लिए पूजा-पाठ करवा सकते हैं.महाशिवरात्रि पर्व को लेकर क्षेत्र के शिवालयों में तैयारियों का दौर शुरू हो गया है. शिवालयों में साफ सफाई, रंग रोगन का कार्य आरंभ हो चुका है.