सिटी पोस्ट लाइव, रांची: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक और अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमर बाउरी ने कहा है कि राज्य में कई ऐसे मुद्दे हैं जो मुख्यमंत्री के संज्ञान में आने के बाद भी उन पर कार्रवाई नहीं हो रही है। 6 मार्च को बोकारो जिला के कसमार में भूखल घासी की मौत भूख के कारण हो जाती है। जिसका प्रमाण अखबारों और मीडिया में आई खबरों से मिलता है। मामले को लेकर उस वक्त चल रहे विधानसभा सत्र में भी मुख्यमंत्री का ध्यान इस ओर आकृष्ट करवाया गया था। बावजूद इसके अधिकारियों का दबाव लगातार भूखल घासी के परिजनों पर बनाया जा रहा था। उन्हें कहा जा रहा था कि वे अखबारों और मीडिया में कहे कि भूखल घासी की मौत का कारण बीमारी है। अमर बाउरी रविवार को रांची के भाजपा कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। बाउरी ने कहा कि इसके ठीक दो महीने के बाद भूखल घासी के बेटे की मौत बीमारी के दौरान हो जाती है और फिर अगस्त महीने में उसकी बेटी की भी मौत भी हो जाती है।
तीन मौतों के बाद भूखल घासी के परिवार को तीन सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। अब स्थिति यह है कि बाकी के बचे परिवार को डर है कि अगर उनके साथ किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना होती है तो सरकार की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिलेगी। अमर कुमार बाउरी ने बताया कि वर्तमान में विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है और सरकार को इस बात का डर है कि कहीं भूखल घासी का मामला विधानसभा में फिर से ना आ जाये इसलिए भूखल घासी के परिवार को बोकारो परिसदन में अतिथि के तौर पर रखा गया है। अब यह तो सरकार ही जाने कि उन्हें बतौर अतिथि रखा गया है या फिर उन्हें हाईजैक करके सरकारी संरक्षण में रखा गया है।