सिटी पोस्ट लाइव : प्रवासी मजदूरों को लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय के पत्र को लेकर मचे बवाल पर डीजीपी ने खुद सामने आकर सफाई दी है.एडीजी के पत्र पर सफाई देते हुए बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि पुलिस मुख्यालय को विभिन्न श्रोतों से जानकारी मिलते रहती है.उसी सूचना को पत्र के माध्यम से जानकारी दी गई थी.बाकी और कुछ खास नहीं था.लेकिन जब अहसास हुआ कि गलती हुई है तो उसे 4 जून को ही वापस ले लिया गया था.डीजीपी ने आगे कहा कि इसमें सरकार की कहीं कोई भूमिका नहीं है.ये पुलिस मुख्यालय के स्तर पर रेगुलर रूटीन के तहत जारी हुआ था जिसे गलती का अहसाश होने के बाद कल ही वापस भी ले लिया गया था.
गौरतलब है कि पुलिस मुख्यालय के इस पत्र को लेकर तेजस्वी यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर नीतीश सरकार पर हमला बोला था.उन्होंने आरोप लगाया कि इस पत्र से साफ़ है कि प्रवासी मजदूरों को सरकार अपराधी समझती है.तेजस्वी यादव की घेराबंदी के बाद पुलिस मुख्यालय ने सफाई दिया कि ये पत्र रेगुलर रूटीन के तहत जारी हुआ था.लेकिन गलती का अहसाश होते ही एक दिन पहले ही वापस ले लिया गया था.पुलिस मुख्यालय ने पहला पत्र 29 मई की तारीख में जारी किया था.4 जून को गलती का अहसाश होने पर पत्र को 4 जून को वापस ले लिया गया था.लेकिन मीडिया में खबर आने के बाद आज सभी विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बना लिया.4 जून को पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी पत्र में लिखा गया है कि भूलवश वह आदेश जारी हो गया था जिसे रद्द कर दिया गया है.
गौरतलब है कि पुलिस मुख्यालय के पत्र का मजमून कुछ इस प्रकार था-“ बिहार के अंदर सभी प्रवासी मजदूरों को वांछित रोजगार मिलने की संभावना नहीं है. ऐसी स्थिति में वे लोग अनैतिक एवं विधि विरुद्ध गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. इससे सूबे में अपराध में वृद्धि हो सकती है तथा विधि व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है”. बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी लॉ एंड आर्डर ने सभी डीएम और एसपी को पत्र लिखा था और कहा कि बिहार में प्रवासी मजदूरों की भारी आमद की वजह से गंभीर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है.