पुस्तकें किसी भी विचार, संस्कार, या भावना के प्रचार का सबसे शक्तिशाली साधन : राज्यपाल
पुस्तकें किसी भी विचार, संस्कार, या भावना के प्रचार का सबसे शक्तिशाली साधन : राज्यपाल
सिटी पोस्ट लाइव, रांची : राज्यपाल बुधवार को रांची के आड्रे हाउस में डॉ. नितिन कुलकर्णी और ज्ञानदीप कौशल द्वारा लिखित पुस्तक प्लूटन प्यरे इवॉल्युवेशन ऑफ ए डोमेन के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि डा0 नितिन कुलकर्णी और श्री ज्ञानदीप, दोनों व्यक्ति अपने अलग-अलग क्षेत्र में कार्यरत हैं। इसके बावजूद इन्होंने वक्त निकालकर इस उपन्यास को लिखने का कार्य किया, जो निष्चित रूप से तारीफ योग्य है। उन्होंने ऐसे लोगों के लिए प्रेरणा का कार्य किया है जो किसी रोजगार से जुड़े हैं और कहते हैं कि वक्त के अभाव में लेखन कार्य नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए ये एक रोलमॉडल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि तुलसीदास के ‘‘रामचरितमानस“ ने तथा व्यास रचित ‘‘महाभारत“ ने अपने युग को तथा आने वाली पूरी तरह प्रभावित किया।राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि पुस्तकें ही आज मानव सभ्यता के मूल मंत्र में है। पुस्तकों के द्वारा एक पीढ़ी का ज्ञान दूसरी पीढ़ी तक पहुँचते-पहुँचते सारे युग में फ़ैल जाता है। पुस्तकें किसी भी विचार, संस्कार, या भावना के प्रचार का सबसे शक्तिशाली साधन है। पुस्तकें मानव के मनोरंजन में भी परम सहायक सिद्ध होती हैं। मनुष्य अपने एकांत क्षण को पुस्तकों के साथ बिता सकता है। किसी ने कहा है – पुस्तक एक जाग्रत देवता है। उनसे तत्काल वरदान प्राप्त किया जा सकता हैं। राज्यपाल ने कहा कि पुस्तकें प्रेरणा का भण्डार होती हैं। उन्हें पढ़कर जीवन में कुछ महान काम करने की प्रेरणा मिलती है। महात्मा गांधी को महान बनाने में गीता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।