सिटी पोस्ट लाइव : बीजेपी और उसके सहयोगी दलों खासतौर पर जेडीयू के साथ चल रही खींचतान को ख़त्म करने का फार्मूला तैयार हो चूका है. सूत्रों के अनुसार बीजेपी अपने आधा दर्जन से ज्यादा सांसदों का टिकेट काटनेवाली है तो कईयों के क्षेत्र बदले जाने की तैयारी है. हाल के दिनों में जिस तरह से आरजेडी के पक्ष में यादव-मुस्लिम मतदाताओं की गोलबंदी हुई, उसे ध्यान में रखते हुए पाटलिपुत्र से सांसद केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव पटना साहिब से चुनाव लड़ सकते हैं. पटना साहिब से बीजेपी अपने बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को बे-टिकेट कर देने का मन बना चुकी है. वैसे शत्रु के लिए ये कोई नै खबर नहीं है .
कीर्ति झा आजाद को इसबार टिकेट नहीं मिलेगा ये तय है. फिलहाल पार्टी से निलंबित हैं और लगातार वो पार्टी के खिलाफ और कांग्रेस के पक्ष में बयान दे रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि उनकी जगह यहाँ से बीजेपी के नए उम्मीदवार ,नीतीश कुमार के करीबी संजय झा हो सकते हैं. पिछले लोक सभा चुनाव भी वो जेडीयू के टिकेट पर लड़े थे . दो सांसदों को इसबार ज्यादा उम्र हो जाने के कारण टिकेट नहीं मिलेगा. इसमे एक तो बेगूसराय के बुजुर्ग सांसद भोला सिंह हैं तो दूसरे मधुबनी के सांसद हुक्मदेव नारायण यादव .
हुक्मदेव नारायण यादव कह चुके हैं कि वो अगली बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. जानकारी के मुताबिक वो इस सीट से अपने बेटे को चुनाव लड़ाने चाहते हैं लेकिन यहां से टिकट किसे मिलेगा ये पार्टी आलाकमान तय करेगा. बेगूसराय से भोला सिंह की जगह नवादा के वर्तमान सांसद ,केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह चुनाव लड़ सकते हैं. गिरिराज सिंह खुद अपना क्षेत्र बदलना चाहते हैं. वैशाली से एलजेपी सांसद रामा सिंह का टिकेट कटना लगभग तय है क्योंकि पासवान खुद उनसे नाराज चल रहे हैं. पिछले लोक सभा चुनाव में एलजेपी को 7 सीटें मिली थीं .6 सीटों पर उसके सांसद जीते थे ,इसमे से एक रामा सिंह भी थे.एलजेपी से दूसरी सीट खगड़िया की छिनने वाली है .यहाँ से एलजेपी के महबूब अली कैसर चुनाव जीते थे. लेकिन इसबार यहाँ से उनका जीत पाना संभव नहीं है क्योंकि आरजेडी यहाँ से शकुनी चौधरी को उतारने की तैयारी में है.
जहानाबाद से रालोसपा सांसद अरुण कुमार को लेकर भी काफी ऊहापोह है. रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा से उनका छत्तीस का आंकड़ा है.इसीलिए अरुण कुमार अपनी पार्टी भी बना चुके हैं.सूत्रों के अनुसार बीजेपी उनके लिए जहानाबाद की एक सीट तालमेल में छोड़ सकती है.जाहिर है बीजेपी एलजेपी से दो सीट वापस लेकर और अपने पांच सांसदों का टिकेट काटकर जेडीयू को 15 लोक सभा सीटें देकर जल्द से जल्द विवाद को ख़त्म करना चाहती है ताकि पूरा ध्यान चुनावी तैयारी पर केन्द्रित किया जा सके.