सिटी पोस्ट लाइव, रांची: राज्य के पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने बाबूलाल मरांडी द्वारा ट्वीट कर गलत वीडियो अपलोड करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री व झाविमो का विलय कर भाजपा में शामिल होने के साथ ही बाबूलाल मरांडी प्रोपगेंडा के तहत फेक न्यूज चला कर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को दिगभ्रमित कर रहें हैं। मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कहा कि बाबूलाल मरांडी जैसे जनप्रतिनिधि द्वारा ऐसा करना अत्यंत निदंनीय एवं असंवेदनशील है। आपदा के समय में भी भाजपा नेताओं को कम से कम संवेदषीलता का परिचय देना चाहिये। मंत्री ने बताया कि यह वीडियो पाताहातू क्वारंटीन सेंटर का नहीं बल्कि चाईबासा जिलांतर्गत श्रमिकों के लिये बनाये गये ट्रांजिट होम का है, जहां राज्य भर के श्रमिकों को उनके गृह जिला में भेजने के लिए व्यवस्था की जाती है तथा थर्मल स्कैनर से जांच कर भोजन इत्यादि सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने खुद ट्रांजिट होम का निरीक्षण किया था इस बात की पुष्टि पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त ने भी की है। परंतु यह बात बाबूलाल मरांडी को हजम नहीं हुई क्योंकि भाजपा के नेता सिर्फ कागजी शेर है और अपने एसी कमरों में बैठकर सिर्फ पत्र लिखकर पत्रवीर की संज्ञा पा रहें हैं । जबकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जनता की सरकार धरातल पर उतर कर कोरोना योद्धाओं का मान-सम्मान बढ़ा रही है। कोराना कार्य में लगे सभी लोगों की सुध ले रही है तथा सभी जिलों में बनाये गये ट्रांजिट होम में बाहर से आये हमारे प्रवासी मजदूरों की बेहतरी के लिये कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जनता की सरकार 24 घंटे काम कर रही है और एक एक प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। झामुमो के नेता-कार्यकर्त्ता भाजपा के नेताओ की तरह नौटंकी नहीं करते। जब इनका भोजना हजम नहीं होता तो ये लोग उपवास का ढ़ोग करते हैं। मंत्री ने कहा बाबूलाल संवैधानिक कारणों से नेता विपक्ष नहीं बन पा रहे हैं तो इसमें राज्य सरकार का क्या दोष? मंत्री ने कहा कि भाजपा के नेताओं को ऐसी सस्ती लोकप्रियता के लिये ओछी राजनीति करने से बाज आना चाहिये।
भाजपा नेताओं को इस कोरोना महामारी से लड़ने और हमारे प्रवासी मजदूरों को वापस अपने राज्य में लाने के लिये प्रयास करना चाहिये परंतु उसके उलट भाजपा के नेता सिर्फ पत्रवीरी कर रहें है। राज्य सरकार इन बेसुध श्रमिकों की सुध ले रही है तो इन्हें क्यूं तकलीफ हो रही ये भाजपा नेताओं को बताना चाहिये। मंत्री से बाबूलाल मरांडी से सवाल किया है कि क्या हमारी सरकार भी आपलोगों की तरह घर पर बैठे रहे? तो इन प्रवासी मजदूरों की सुध कौन लेगा? हमलोगों के खून में झारखंडियत रचा-बसा है और जबतक हमारी रगो में खून का एक कतरा भी मौजूद रहेगा हमारी सरकार हमेषा एक-एक झारखंडियों के लिये काम करती रहेगी। गौरतलब है कि चाईबासा के उपायुक्त ने भी कहा है कि मंत्री को सेल्फ क्वारंटीन में रहने की कोई जरूरत नहीं है। उपायुक्त ने स्पष्ट कहा है कि मंत्री मिथिलेष कुमार ठाकुर किसी भी कोरोना पाजेटिव मरीज के संपर्क में नहीं आये हैं। उपायुक्त ने बताया कि उक्त स्थल का निरीक्षण वे स्वयं तथा जिले के एसपी और कई अधिकारी तथा पत्रकारगण भी कर चुके हैं।