जमीनी विवाद को लेकर अधिवक्ता संघ ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा
सिटी पोस्ट लाइव : जमीन विवाद मामले में लहेरी थाना पुलिस द्वारा अधिवक्ता पवन कुमार सिन्हा को थाने में छह घंटे तक बिठाए जाने और संघ के सदस्यों के साथ एसपी द्वारा दुर्वव्हार किये जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जहां बुधवार को पुलिस के विरोध में अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य का वहिष्कार किया, वहीं बिहार शरीफ की सड़को पर प्रतिरोध मार्च निकाला गया. इस दौरान अधिवक्ताओं ने पुलिस के विरोध में नारेबाजी करते हुए, लहेरी थानाध्यक्ष को निलंबित करने एवं एसपी और डीएसपी को हटाने की मांग की. प्रतिरोध मार्च बिहार शरीफ व्यवहार न्यायालय से निकलकर जिला समाहरणालय पहुंचा जहां अधिवक्ताओं ने उग्र प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम अपनी मांगो से सम्बंधित ज्ञापन सौंपा.
दरअसल मामला लहेरी थाना क्षेत्र के सोहनकुंआ मोहल्ले की है. जहाँ जमीन विवाद को लेकर मारपीट की घटना घटी थी. इस घटना के बाद लहेरी थाना पुलिस द्वारा अधिवक्ता पवन कुमार सिन्हा को पुलिस द्वारा थाने में कई घंटो तक बिठाया गया. जिसके बाद नालंदा जिला अधिवक्ता संघ के शिष्टमंडल ने पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार पोरिका से मुलाकात की लेकिन एसपी ने कड़े तेवर दिखाते हुए कहा कि पुलिस को यह अधिकार है कि किसी को भी 24 घंटे तक थाने में रख सकती है.
इसी बात पर जब अधिवक्ता संघ को किसी प्रकार का कोई आश्वासन नहीं दिया गया. जिसपर अधिवक्ता संघ नाराज हो गया और पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया. बताया जाता है कि सोहनकुंआ में पीएचईडी विभाग द्वारा पानी टंकी निर्माण किया जाना है, जिसके लिए मिट्टी भराई का कार्य शुरू किया गया. इसी बीच अधिवक्ता पवन कुमार द्वारा जिस जमीन पर कार्य होना है उसे रैयती जमीन बताते हुये इसके लिए पटना उच्च न्यायालय से स्टे आॅर्डर लाने का काम किया गया. लेकिन विभाग द्वारा गैर मजरूआ जमीन बताते हुए कार्य को शुरू कर दिया. जिसके कारण ठेकेदार और अधिवक्ता के बीच विवाद बढ़ गया. अधिवक्ता द्वारा जब काम रोकने को कहा गया तो मारपीट शुरू हो गयी और जब वे थाना पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें बिठा लिया.
नालंदा से प्रणय राज की रिपोर्ट