सिटी पोस्ट लाईव : बिहार राज्य का एक मात्र और पहला ऑब्जरवेशन होम ( A place of safety ) सबसे असुरक्षित जगह साबित हुआ है. इस ऑब्जरवेशन होम से 9 से ज्यादा किशोर कैदी फरार हो गए है . यह खबर शेखपुरा जिले में जंगल की आग की तरह फ़ैल गई है.मीडिया में सूचना लीक होने के बाद प्रशासन परेशान है. डीएम, एसपी, एसडीपीओ एसडीओ समेत जिले के तमाम अधिकारी बच्चों की खोज में जूट गए हैं. सभी अधिकारी इस जांच में जूट गए हैं कि ” place of safety कैसे “unsafe place” बन गया ? इस मामले की जांच में जुटे अधिकारी अभी कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं.
ऑब्जरवेशन होम में सुबह से ही अधिकारियों का दल जांच के लिए पहुंचा है. घंटों बाद भी कोई बाहर नहीं आया है. मामले की तहकीकात कर रहे अधिकारी अभी गोपनीयता बारात रहे हैं. गौरतलब है कि सभी बाल कैदियों को राज्य के अलग अलग कोने से लाकर सुरक्षा की दृष्टि से यहाँ रखा गया था . गौरतलब है कि बिहार के विभिन्न जिलों से 18 वर्ष से कम उम्र के बाल कैदी को यहाँ रखा जाता है . इस ऑब्जरवेशन होम से 9 बच्चों के भाग जाने को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. क्यों बच्चे भागे ? क्या यहाँ उन्हें कोई परेशानी हो रही थी ? जहाँ से ऐसे नन्हे बच्चे इतनी आसानी से भाग सकते हैं, उसे “place of safety ” कैसे माना जा सकता है. जब राज्य के एकमात्र ऑब्जरवेशन होम की ये हालत है तो बाकी जगहों पर बाल कैदी कितने सुरक्षित होंगें, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है ?
शेखपुरा से धीरज सिन्हा की ख़ास रिपोर्ट