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प्रखंड में 23 राजकीय नलकूप और छ: उद्भव सिंचाई साधन ठप

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#citypostlive बहेड़ी : प्रखंड में किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकारी स्तर पर उपलब्ध राजकीय नलकूप व उद्भव सिंचाई योजनाओं के खराब होने के कारण किसानों के समक्ष भारी परेशानी है। 8350 हेक्टेयर जमीन में रबी फसल उत्पादन के लिए 23 राजकीय नलकूप एवं 6 उद्भव सिंचाई योजनाएं नाम के लिए उपलब्ध है, परंतु इनमें से मात्र एक राजकीय नलकूप बहेड़ी आंशिक रूप से कार्यरत है। शेष सभी सिंचाई संयत्र शोभा बढ़ाने के लिए ही है। बता दें कि पघारी, जोरजा, निमैठी, भंगही, हरहच्चा, सिमरी, सीमा, ठठोपुर, समधपुरा, आधारपुर, धनौली, कल्याणपुर, हनुमानगर, महुआ, मोटगाह, बसकट्टी, मठ्ठाराही, बिठौली, नौडेगा सहित कई अन्य राजकीय नलकूप यांत्रिकी त्रुटि, विद्युत दोष, नाला गड़बड़ी व कई अन्य कारणों से बंद पड़े है। कमोबेश यही स्थिति कमला नदी के किनारे बघौल, कमलपुर, महुली, बलीगांव में लगाए गए उद्भव सिंचाई योजनाओं की भी है। इस बीच मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुमार चौधरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न राजकीय नलकूपों व उद्भव सिंचाई योजनाओं का भौतिक सत्यापन के लिए निरीक्षण किया। जिसमें जदयू नेता व पूर्व मुखिया राधारमण मंडल, पैक्स अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह, अधिवक्ता प्रकाश झा, रामबालक पासवान, सुरेश कुमार, चंदेशचंद्र राय सहित कई अन्य लोग शामिल थे।इस प्रतिनिधिमंडल ने इस वर्ष रबी फसल के लिए गेहूं-6440 हेक्टेयर, जौ-20हेक्टेयर, मक्का-950 हेक्टेयर, चना-40हेक्टेयर, मसुर-250 हेक्टेयर, मटर-25 हेक्टेयर अन्य दलहन-175 हेक्टेयर ,राई व सरसों-400 हेक्टेयर, तीसी-40 हेक्टेयर, सुर्यमुखी-10 हेक्टेयर में निर्धारित लक्ष्य की सिंचाई सुविधा के लिए बंद पड़े सभी राजकीय नलकूप एवं उद्भव सिंचाई योजना के चालू करवाने की मांग राज्य के मुख्यमंत्री, लघु संसाधन विभाग के मंत्री, विभागीय पदाधिकारी व अभियंताओं से की है।

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