#citypostlive दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के संगीत एवं नाट्य विभाग में आज शास्त्रीय नृत्य (कथक) की विशेषज्ञा डॉ. रमा दास ने सर्टिफिकेट कोर्स के अंतर्गत सोदाहरण-व्याख्यान देते हुए पाठ्य क्रम आरंभ किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। बिहार में यह पहला विश्वविद्यालय है, जहां नृत्य की शिक्षा दी जा रही है। सनद रहे कि डॉ. दास राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथक नृत्यांगना हैं। उन्हें कई राष्ट्रीय स्तर के सम्मान मिल चुके हैं। वर्ग में उन्होंने ठाठ, आमद, तिहाईयां, तत्कार आदि की जानकारी देते हुए जयपुर और लखनऊ घराने के बारे में जानकारी दी। तांडव और लास्य के भेद को बताते हुए गजपरन को सोदाहरण समझाया। उन्होंने ठेका पर हस्तकों का चलन, ठाठ में मुख विलास और कसक-मसक को विस्तार पूर्वक समझाते हुए अभ्यास करावाया। उनके साथ तबला पर संगत शिवनारायण महतो ने की। कार्यक्रम के प्रारंभ में विभागाध्यक्ष डॉ. लावण्य कीर्ति सिंह काव्या ने इनका स्वागत किया। वहीं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. वेद प्रकाश ने किया। इस मौके पर पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में संगीत विभागाध्यक्ष डॉ. रीता दास भी उपस्थित थी।
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