सिटी पोस्ट लाइव : ग्रामीण ईलाकों की सडकों को मेंटेन करने के लिए बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. गौरतलब है कि ग्रामीण ईलाकों की सड़कें हर साल बनती हैं और हर साल टूट जाती हैं. लेकिन अब सरकार ग्रामीण ईलाकों की सड़कों को बनाने के लिए 5 नहीं 10 साल पर टेंडर करेगी. राज्य सरकार ग्रामीण सड़कों के मेंटेनेंस के लिए बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति-2021 तैयार कर रही है. इसी महीने इस नीति को कैबिनेट से मंजूरी के लिए ग्रामीण कार्य विभाग प्रस्ताव बना रहा है. राज्य सरकार सभी टोलों-गांवो में सड़कों का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर करवा रही है.
गौरतलब है कि राज्य की 83 फीसदी सड़क गांवों में है। इन सड़कों के निर्माण और रखरखाव की जिम्मेवारी ग्रामीण कार्य विभाग के पास है. विभाग के पास कुल 1 लाख 20 हजार 549 किलोमीटर सड़क है जिसमें से अब तक 1 लाख 908 किलोमीटर सड़क बन चुकी है. इन बनी हुई सड़कों को मेंटेन रखना विभाग के लिए बड़ी चुनौती है.यही देखते हुए विभाग नई अनुरक्षण नीति तैयार कर रहा है जिसमें अब 10 साल पूरे होने पर ही उसके निर्माण के लिए टेंडर होगा. टेंडर के पहले संबंधित सड़क का ट्रैफिक सर्वे होगा, फिर आबादी के दबाव के हिसाब से चौड़ीकरण का इस्टीमेट बनेगा, प्रशासनिक स्वीकृति ली जाएगी और नए सिरे से निर्माण के लिए टेंडर किया जाएगा.
ग्रामीण सड़कों का निर्माण डिजाइन 10 साल का होता है. इसमें पहले 5 साल सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी निर्माण एजेंसी की होती है. इसके आगे के 5 साल सड़क के रखरखाव की जिम्मेवारी अब विभाग के अभियंताओं पर होगी. चूंकि ग्रामीण सड़कों का निर्माण डिजाइन 10 साल का होता है, यह देखते हुए 5 साल पर निर्माण एजेंसी के मेंटेनेंस की जिम्मेवारी समाप्त होने के बाद उसे ठीक करने के लिए टेंडर करना पड़ता है.