साइंस: गाय का दूध सेहत के लिए कितना फ़ायदेमंद- कितना नुक़सानदेह
सिटी पोस्ट लाइव : गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए कितना लाभदायक और कितना नुक्शान्देह है, इस विषय पर चर्चा दुनिया भर में जोरशोर से चल रही है. दूध एक ऐसा आहार है जिसको लेकर पोषण विज्ञानी अलग-अलग राय रखते हैं. क्या इसे इंसानों के भोजन का हिस्सा होना चाहिए? यह इंसान के लिए कितना स्वास्थ्यवर्धक है?
कई हज़ार साल पहले से दूध और इससे बनी चीजें हमारे भोजन का हिस्सा हैं. कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि 10 हज़ार सालों से यह हमारे खान-पान का हिस्सा रहे हैं.लेकिन कुछ पोषण विज्ञानी इसे इंसानों के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं मानते हैं.आज दूध की खपत में भी लगातार गिरावट आ रही है.
अमरीका के कृषि विभाग के अनुसार साल 1970 के बाद से देश में दूध की खपत में 40 फ़ीसदी की कमी आई है.यह कमी सोया मिल्क और बादाम मिल्क जैसे दूध के विकल्पों की वजह से भी आई है. शाकाहारी होने के बढ़ते चलन ने भी इसकी खपत को प्रभावित किया है.कुछ शाकाहारी ( वीगन) लोग ऐसे होते हैं जो मांस और पशुओं से जुड़े किसी भी तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं. इनमें दूध और अंडे भी शामिल होते हैं.
अब सवाल यह उठता है कि दूध स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है या इसके विपरीत, इससे शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों से बचने के लिए इसका इस्तेमाल रोकना चाहिए? सबसे पहले फायदों पर चर्चा करते हैं.गाय का दूध और उससे बनी चीजें, जैसे पनीर, दही, मक्खन बड़ी मात्रा में कैल्शियम और प्रोटीन प्रदान करते हैं, जो संतुलित आहार के लिए ज़रूरी हैं.कैल्शियम और प्रोटीन के अलावा दूध में कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं. यह विटामिन ए और डी का बेहतर स्रोत है.प्राकृतिक रूप से उपलब्ध होने वाले दूध व्यायाम करने वालों के लिए फ़ायदेमंद होता है.यह एक संपूर्ण भोजन है, जिसमें कार्बोहाइड्रेड और प्रोटीन का सही अनुपात होता है, जो मांसपेशियों को बढ़ाने में मदद करता है.
दूध बच्चों के लिए कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत भी है. गर्भवती महिलाओं को इसे पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह भ्रूण की हड्डियों के निर्माण और उसके विकास में मदद करता है.300 मिलीलीटर दूध के एक ग्लास में करीब 350 मिलीग्राम कैल्शियम होता है, जो एक से तीन साल तक के बच्चों की दैनिक ज़रूरत का आधा है.हालांकि, एनएचएस एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को गाय का दूध नहीं पिलाने की सलाह देता है.
अब चर्चा करते हैं गाय के दूध के नुकशान पर.गाय के दूध में अतिरिक्त फ़ैट होता है यानी वसा कुछ ज़्यादा ही होती है. एनएचएस किशोरों और व्यस्कों को मलाई हटा कर दूध पीने की सलाह देता है.व्यस्कों के लिए दूध विटामिन और आयरन का एक बेहतर स्रोत है लेकिन यह स्किम्ड होना चाहिए यानी यह वसामुक्त होना चाहिए.और आपको पनीर, मक्खन और दही के साथ बहुत सावधान रहना होगा.
पनीर में 20 से 40 फ़ीसदी तक वसा होती है. वहीं, मक्खन में न केवल सामान्य वसा होती है बल्कि इसमें सैचुरेटेड फ़ैट और नमक की मात्रा भी ज़्यादा होती है.ये खाद्य पदार्थ शरीर को भारी मात्रा में कैलरी प्रदान करते हैं, जिसकी आपको उतनी ज़रूरत नहीं होती है जितनी बचपन या फिर किशोरावस्था में होती है. इसीलिए यह कई लोगों के लिए मोटापे का कारण बनता है.लैक्टोज़ भी एक समस्या है. दूध में पाई जाने वाली यह शुगर आसानी से नहीं पचती.गाय के दूध के साथ एक और समस्या यह भी है कि कुछ लोगं में यह एलर्जी का कारण बनता है. कभी-कभार यह समस्या गंभीर रूप धारण कर लेती है.
दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा लैक्टोज़ को पचाने में सक्षम नहीं है, विशेष रूप से एशिया के लोग. दूध इंसान की पाचन शक्ति को कमज़ोर करता है और अन्य संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है.यही कारण है कि कई फ़ायदे होने के बावजूद इससे होने वाली हानियों पर दुनियाभर में चर्चा हो रही है और यही विवाद का कारण भी है.सार ये है कि गाय का दूध का सेवन तो करना चाहिए लेकिन सही मात्र में और सही तरीके से.