डायबिटीज से मरीजों में बढ़ सकता है कैंसर का खतरा, डायबिटीज के रोगी क्या करें

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डायबिटीज से मरीजों में बढ़ सकता है कैंसर का खतरा, डायबिटीज के रोगी क्या करें

सिटी पोस्ट लाइव : बदलते दौर में लोग नई-नई बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। डॉक्‍टर लगातार बढ़ रही बीमारियों की वजह हमारे खान-पान को भी मानते हैं। इसके अलावा भी कई चीजें हैं जो हमें लगातार बीमारियों की ओर धकेल रही हैं। हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि डायबिटीज के चलते रोगियों में कई प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे रोगियों के बचने की संभावना भी कम हो सकती है। दुनिया भर में इस समय 41.5 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। साल 2040 तक इन रोगियों की संख्या 64 करोड़ होने का अनुमान है। हाल में किए गए कई अध्ययनों में यह बात भी सामने आई है कि लंबे समय तक बैठने वाले और हृदय रोग व डायबिटीज समेत कई बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।

स्वीडिश नेशनल डायबिटीज रजिस्टर (एनडीआर) के शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित करीब साढ़े चार लाख लोगों पर किए गए अध्ययन के आधार पर निकाला है। उन्होंने सामान्य लोगों की तुलना में डायबिटीज पीड़ितों में लिवर कैंसर का खतरा 231 फीसद ज्यादा पाया। इसके अलावा पैंक्रिएटिक (119), किडनी (45) और स्टमक कैंसर (21) का भी खतरा पाया गया। स्वीडिश नेशनल डायबिटीज रजिस्टर एनडीआर के शोधकर्ताओं के मुताबिक, डायबिटीज से पीड़ित 20 फीसद मरीजों में इस बीमारी से अछूते लोगों के मुकाबले कोलोरेक्टल कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है और पांच प्रतिशत मरीजों में स्तन कैंसर होने का खतरा अधिक होता है।

ध्‍यान रखें ये रोगी 
इस अध्ययन की प्रमुख जोर्नस्डोटिर कहती हैं, हमारा अध्ययन यह नहीं कहता कि जिस भी व्यक्ति को मधुमेह है, उसे बाद में कैंसर हो जाएगा। चूंकि पिछले 30 साल में टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ी है तो हमारा अध्ययन मधुमेह से देखभाल के महत्व पर जोर देता है। अध्‍ययन से कुल मिलाकर यह निकला है कि डायबिटीज वाले रोगी अपने पर ज्‍यादा ध्‍यान दें जिससे वह कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की चपेट में न आ सकें।

क्‍या है डायबिटीज 
डायबिटीज जिसे सामान्यतः मधुमेह कहा जाता है। एक ऐसी बीमारी है जिसमें खून में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। उच्च रक्त शर्करा के लक्षणों में अक्सर पेशाब आना होता है, प्यास की बढ़ोतरी होती है, और भूख में वृद्धि होती है। अमेरिका में यह मृत्यु का आठवां और अंधेपन का तीसरा सबसे बड़ा कारण बन गया है। आजकल पहले से कहीं ज्यादा संख्या में युवक और यहां तक की बच्चे भी मधुमेह से ग्रस्त हो रहे हैं। निश्चित रूप से इसका एक बड़ा कारण पिछले 4-5 दशकों में चीनी, मैदा और ओजहीन खाद्य उत्पादों में किए जाने वाले एक्सपेरिमेंट्स हैं।वीडियो में हम आपको बता रहे हैं डायबिटीज के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में।

1. आंवले के स्वरस या आंवले के जूस को 40 मिली लेकर उसमें 1 ग्राम हल्दी पाउडर और 6 ग्राम शहद डालकर उसे सुबह-शाम इस्तेमाल करें। दूसरा उपाय है कि 20 ग्राम आंवला पाउडर लेकर उसमें 250 मिली पानी मिलाएं और उसको मध्यम आंच पर पकाएं और जब वो 1/4 मतलब लगभग 60 मिली रह जाए तो उसे उतार कर, छान कर, ठंडा करके उसमें 250 मिलीग्राम त्रिवंग भस्म, 500 मिलीग्राम छोटी इलायची का चूर्ण, 1 ग्राम हल्दी पाउडर, 6 ग्राम शहद को मिलाएं। इसे सुबह-शाम इस्तेमाल करें।

2. दूसरा उपाय लगभग 150 ग्राम अमरुद के पत्ते लें, उन्हें पीस कर पानी में भिगो लें और सुबह उन पत्तों को छान के उस पानी को घूंट ले लेकर पिएं। इससे भी डायबिटीज में आराम मिलता है।

3. अगर आपका शुगर लेवल बहुत हाई है और आपको उसे नॉर्मल करना है तो 50 ग्राम बांस के पत्ते लेकर उसे 600 मिली पानी में उबालें जब तक कि वो 75 से 80 मिली के लगभग न रह जाए। अब उसे ठंडा करके, छान कर पीएं। इससे शुगर का लेवल जल्दी ही सामान्य अवस्था में आ जाता है। आयुर्वेद में पंचकर्म विधा के द्वारा भी हम डायबिटीज का इलाज कर सकते हैं।

इसका भी रखें ध्‍यान 
डायबिटीज रोगियों के लिए शाकाहारी होना फायदेमंद हो सकता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि सब्जी, फल, साबुत अनाज और फलियां जैसे पौधों से मिलने वाले आहार से टाइप-2 डायबिटीज रोगी ग्लाइसेमिक और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण को बेहतर कर सकते हैं। इससे वजन भी कम हो सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, इस तरह का आहार ग्लाइसेमिक नियंत्रण और हृदय को सेहतमंद बनाए रखने में लाभकारी होता है। ऐसा आहार निम्न संतृप्त वसा और उच्च फाइबर होने के साथ ही फाइटोकेमिकल्स से भरपूर होता है।

डायबिटीज के रोगी क्या करें, क्या न करें
अब बात करेंगे कि डायबिटीज के रोगियों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं। डायबिटीज के रोगियों को एक डेली रूटीन बनाना बहुत ही जरूरी है।

– सुबह जल्दी उठना चाहिए।
– व्यायाम के लिए समय निकलना चाहिए।
– सुस्त जीवनशैली के बजाए सक्रिय जीवन शैली अपनाना चाहिए।
– साइक्लिंग, जिमिंग,स्विमिंग जो भी पसंद है उसे 30-40 मिनट तक ज़रूर करने की आदत डालें।
– डायबिटीज एवं हार्ट की दवाएं कभी बंद नहीं होती हैं। इसलिए मरीज दवाएं कभी नहीं छोड़ें। इन दवाओं से किडनी और लिवर पर कोई असर नहीं पड़ता है।
– चालीस की उम्र के बाद शुगर की जांच, लिपिड प्रोफाइल की जांच, किडनी फंक्शन टेस्ट, लिवर फंक्शन टेस्ट, टीएमटी जांच, रेटिना की जांच जरूर कराएं।

जानेंगे डायबिटीज में किस तरह का खानपान फायदेमंद रहता है।

1. डायबिटीज में थोड़ा और आसानी से पचने वाला भोजन करना चाहिए।
2. डायबिटीज में हम सारे मौसमी और रस वाले फल खा सकते हैं। ड्राय फ्रूट्स की बात करें तो अखरोट, बादाम, चिया सीड्स, मूंगफली और अंजीर भी ले सकते हैं।
3. अपनी डाइट में गुनगुना पानी, छाछ, जौ का दलिया और मल्टीग्रेन आटा (मिलाजुला अनाज) शामिल करें।
4. डायबिटीज के रोगी को दिन में सोना, मल-मूत्र आदि वेगों को नहीं रोकना चाहिए। मांसाहार, शराब और सिगरेट आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
5- डायबिटीज रोगी को अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। ऐसे में वे नींबू पानी लेंगे तो यह उनकी सेहत के लिए और भी अच्छा होगा।
6- डायबिटीज रोगी को बहुत भूख लगती है और बार-बार कुछ न कुछ खाने का मन करता है। आपके साथ भी यदि ऐसा होता है तो कुछ भी खाने के बजाय आप भूख से थोड़ा कम खाएं और हल्का भोजन लेते हुए सलाद को ज्यादा खाएं। यानी आपको बार-बार भूख लगती है तो आप सलाद में खीरे को अधिक मात्रा में खाएं।
7- डायबिटीज रोगी में आंखें कमजोर होने की आशंका लगातार बनी रहती है। यदि आप चाहते हैं कि डायबिटीज के दौरान आपकी आंखों पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े तो आपको गाजर-पालक का रस मिलाकर पीना चाहिए। इससे आंखों की कमजोरी दूर होती है।
8- डायबिटीज के रोगी को तोरई, लौकी, परवल, पालक, पपीता आदि का सेवन अधिक से अधिक मात्रा में करना चाहिए।
9- डायबिटीज के दौरान शलगम के सेवन से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम हो जाती है। शलगम को न सिर्फ आप सलाद के जरिए बल्कि इसको सब्जी, परांठे आदि चीजों के रूप में भी ले सकते हैं।

इन चीजों को न खाएं
डिब्बा बंद आहार,बासी खाना, फ़ास्ट फूड, जंक फूड, ज्यादा तेल-मसाले वाले भोजन नहीं खाना चाहिए। इन आयुर्वेदिक उपचारों का पालन करके आप हेल्दी रह सकते हैं।

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